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दूसरे की जमीन दिखाकर 1.95 करोड़ की धोखाधड़ी, पुलिस ने ऐसे किया गिरफ्तार

राजस्थान डेस्क : राजस्थान के सीकर जिले से एक बेहद हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां एक शख्स के साथ कुछ लोगों ने मिलकर 1.95 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी कर दी। हालांकि, पुलिस ने कार्रवाई करते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया और 1.85 करोड़ रुपये भी बरामद किए। पुलिस के अनुसार, इस ठगी के मुख्य आरोपी कैलाशचंद तिवाड़ी और उसकी पत्नी ममता देवी हैं। इसके अलावा इमरान, शहादत अली और इजाजुद्दीन भी इस गिरोह का हिस्सा थे। ये सभी आरोपी पहले भी ठगी के मामलों में शामिल रहे हैं और शातिर अपराधी माने जाते हैं। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…

शिकायत पर पुलिस की कार्रवाई

आपको बता दें कि पीड़ित मोहम्मद सलीम ने पुलिस को बताया कि कैलाशचंद तिवाड़ी और इमरान ने उसे सीकर के जगमालपुरा, नवलगढ़ रोड पर 10 बीघा जमीन दिखाई। इस जमीन की कीमत 2.50 करोड़ रुपये तय हुई। 20 जनवरी को सलीम ने सौदे की पहली किश्त के रूप में 10-10 लाख रुपये दो बार दिए, और सबूत के लिए एक कच्ची लिखावट भी की गई। वहीं 12 फरवरी को कैलाश तिवाड़ी और इमरान ने सलीम को शब्बीर हुसैन के घर बुलाया और बाकी की रकम देने के लिए कहा। सलीम ने 1.74 करोड़ रुपये कैश में दिए। इसके बाद, कैलाश तिवाड़ी ने सलीम से कहा कि वह रजिस्ट्री के लिए रजिस्ट्रार ऑफिस आ जाए। सलीम रजिस्ट्रार ऑफिस पहुंचा, लेकिन वहां शाम 6 बजे तक कोई नहीं आया और सभी आरोपियों के फोन बंद हो गए। तब सलीम को एहसास हुआ कि वह ठगी का शिकार हो चुका है।

पुलिस ने लोकेशन ट्रेस कर पीछा किया

वहीं पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से देखते हुए पुलिस ने आरोपियों की लोकेशन ट्रेस की और उनका पीछा किया। पुलिस टीम ने भेष बदलकर आरोपियों का पीछा किया और इमरान तथा इजाजुद्दीन को सवाई माधोपुर में ट्रेन से गिरफ्तार किया। बाद में कैलाशचंद तिवाड़ी, उसकी पत्नी ममता देवी, और शहादत अली को अलग-अलग स्थानों से पकड़ लिया गया। पुलिस ने आरोपियों से ठगी का 1.85 करोड़ रुपये भी बरामद किया। वहीं सीकर पुलिस के एसपी भुवन भूषण यादव ने बताया कि आरोपियों ने इस ठगी को फिल्म बंटी और बबली की तर्ज पर अंजाम दिया। उन्होंने किसी और की जमीन दिखाकर और एक आलीशान घर में सौदा फाइनल करके पीड़ित को विश्वास में लिया। इसके साथ ही जांच में यह भी सामने आया कि ये आरोपी पहले भी ठगी के मामलों में कई बार जेल जा चुके हैं। इनकी यह ठगी की योजना पूरी तरह से सोची-समझी थी और कई जालसाज तरीकों का इस्तेमाल किया गया।

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