केंद्रीय मंत्री और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले) के अध्यक्ष रामदास आठवले ने गुरुवार को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे के महाकुंभ में शामिल नहीं होने पर सवाल किया कि क्या वे वास्तव में हिंदू (Hindu) हैं? आठवले ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए दावा किया कि धार्मिक समागम में उनकी अनुपस्थिति हिंदू परंपराओं में विश्वास की कमी को दर्शाती है। उन्होंने सुझाव दिया कि मतदाताओं को आगामी चुनावों में उनका समर्थन नहीं करना चाहिए।
महाकुंभ 45 दिन तक चलने वाला भव्य आध्यात्मिक समागम है जो 26 फरवरी को संपन्न हुआ। इसमें भारत और दुनिया भर से नागा साधु, संत और लाखों श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाने के लिए आए थे। कार्यक्रम में दिव्य आशीर्वाद लेने के लिए विभिन्न राजनेताओं और मशहूर हस्तियों ने भी भाग लिया। राहुल गांधी और उनके इंडिया ब्लॉक सहयोगी उद्धव ठाकरे ने भव्य हिंदू समारोह में भाग नहीं लिया।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए आठवले ने कहा, राहुल गांधी और उद्धव ठाकरे कुंभ में शामिल नहीं हुए। क्या वे हिंदू हैं या नहीं? अगर वे हिंदू हैं, तो उन्हें महाकुंभ में जाना चाहिए था। उनकी अनुपस्थिति यह साबित करती है कि वे हिंदू धर्म में विश्वास नहीं रखते। उन्होंने कहा कि यह एक और कारण है कि हिंदू मतदाताओं को आगामी चुनावों में उनका समर्थन नहीं करना चाहिए। आठवले ने कहा, जनता निश्चित रूप से उन्हें सबक सिखाएगी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि महाकुंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक सीमित नहीं है, यह पूरे हिंदू समुदाय से संबंधित है। राहुल गांधी और उद्धव ठाकरे की राजनीतिक किस्मत पहले ही धोखा दे चुकी है और इस तरह के महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन में उनकी अनुपस्थिति उनकी प्रतिष्ठा को और कम कर देगी। उन्होंने कहा, जनता ने उन्हें पहले ही सत्ता से बाहर कर दिया है और इसके बाद राजनीति में उनकी स्थिति में कोई सुधार नहीं होगा।