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action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/dainiksaveratimescom/wp-includes/functions.php on line 6114कोलकाताः ‘सवाल पूछने के लिए पैसे लेने’ की सुनवाई के दौरान लोकसभा आचार समिति पर अपमानजक प्रश्न करने का आरोप लगाने वाली तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद महुआ मोइत्रा ने जांच में सहयोग करने की अपनी इच्छा जाहिर की है। साथ ही, उन्होंने स्त्री-द्वेष से संरक्षण की जरूरत और शिष्टता के मानदंड को बरकरार रखने पर भी जोर दिया। मोइत्रा ने दिये एक साक्षात्कार में आचार समिति की जांच को ‘राजनीति के कारण चुनिंदा तरीके से निशाना बनाना’ करार दिया और कहा कि इसका एकमात्र मकसद उन्हें संसद से निष्कासित कराना है। मोइत्रा ने आरोप लगाया है कि बृहस्पतिवार को समिति की सुनवाई के दौरान उनसे उनके निजी जीवन के बारे में अप्रासंगिक सवाल पूछे गए। उन्होंने कहा, ‘‘मैं जांच के लिए, और सभी सवालों के जवाब देने के लिए हमेशा से तैयार हूं। लेकिन एक मर्यादा होनी चाहिए, जिसका उल्लेख किये जाने की जरूरत है। मुझे ओछे और अपमानजक सवाल से संरक्षण की जरूरत है। मैंने इस बारे में लोकसभा स्पीकर को पत्र लिखा है।’’ कृष्णानगर से सांसद ने जांच से जुड़े किसी भी सवाल का जवाब देने को इच्छुक होने की बात दोहराई।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने लोकसभा स्पीकर से कहा है कि उन्हें अशोभनीय, स्त्री-द्वेष के खिलाफ मुझे संरक्षण देना होगा। जांच से जुड़ी किसी भी चीज का मैं पहले ही जवाब दे चुकी हूं। मैंने अपना पक्ष 100 बार स्पष्ट किया है। यदि मैंने कोई नियम तोड़ा है तो मुझे इसकी जानकारी दी जानी चाहिए। यदि वे मुझसे सवाल पूछना चाहते हैं, तो यह ठीक है, लेकिन इस तरह से नहीं।’’ भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने मोइत्रा पर आरोप लगाया है कि उन्होंने कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर संसद में सवाल पूछे और अपने लॉगिन आईडी व पासवर्ड को उनके साथ साझा किया। मोइत्रा से यह पूछे जाने पर कि क्या इस मामले में उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस उनका समर्थन कर रही है, उन्होंने कहा, ‘‘मेरी पार्टी मेरा समर्थन क्यों नहीं करेगी? शुरूआत में कोई बयान नहीं जारी किया गया, इसका यह मतलब नहीं कि वह मेरा समर्थन नहीं कर रही। यह उम्मीद नहीं करें कि मेरी पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी हर मु्द्दे पर टिप्पणी करेंगी।’’ आचार समिति की बैठक के बाद, इसके अध्यक्ष एवं भाजपा सांसद विनोद कुमार सोनकर ने कहा कि समिति का काम विषय की एक व्यापक जांच करना है।
सहयोग करने के बजाय मोइत्रा और विपक्षी सदस्य कथित तौर पर आक्रोशित हो गए और उन्होंने उनके (सोनकर के) खिलाफ आरोप लगाते हुए ‘आपत्तिजनक शब्दों’ का इस्तेमाल किया। मोइत्रा ने इसका यह कहते हुए जवाब दिया कि विपक्ष के पांच सदस्यों ने (समिति के) अध्यक्ष के बर्ताव और अनैतिक सवालों के खिलाफ विरोध स्वरूप बैठक से वाकआऊट किया। उन्होंने कहा, ‘‘समिति के पांच सदस्यों, जो इसके करीब 50 प्रतिशत हैं, ने इसके अध्यक्ष के व्यवहार और अनैतिक सवाल पूछे जाने को लेकर बहिर्गमन किया। विपक्ष के पांच सदस्यों ने विरोध किया और (समिति के) अध्यक्ष से कहा कि वह ऐसा नहीं कर सकते। लेकिन अध्यक्ष ने मुझे अपमानित करना जारी रखा।’’ उपहार लेने और एनआईसी लॉगिन से जुड़े आरोपों के बारे में, मोइत्र ने कहा कि उनका निर्वाचन क्षेत्र दूर-दराज का इलाका है और एक सांसद के लॉगिन का उनके कार्यकाल के दौरान कम से कम 10 लोग इस्तेमाल कर सकते हैं।