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action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/dainiksaveratimescom/wp-includes/functions.php on line 6114नई दिल्ली: दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के तीसरे वर्ष के स्नातकोत्तर (मेडिसिन) छात्र और रेजिडेंट डॉक्टर को दक्षिण दिल्ली में अपने किराए के आवास में छत के पंखे से लटका हुआ पाया गया। घटनास्थल से एक बैग बरामद किया गया है। पुलिस ने शनिवार को कहा कि कमरे में एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें बताया गया है कि मृतक पिछले दो वर्षों से अवसाद यानी डिप्रेशन से पीड़ित था।पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) चंदन चौधरी ने कहा कि हौज खास पुलिस स्टेशन में दोपहर 3.55 बजे एक पीसीआर कॉल आई, जिसमें शुक्रवार की रात एक व्यक्ति के फंदे से लटके पाए जाने की जानकारी दी गई।
कॉल करने वाली पायल सैनी गौतम नगर स्थित मकान की पहली मंजिल पर रहती हैं, जबकि रेजिडेंट डॉक्टर जय दीपेश सावला दूसरी मंजिल पर रहते थे। मकान मालकिन ने पुलिस को बताया कि उसके किरायेदार सावला ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है।डीसीपी ने कहा, ‘‘जांच अधिकारी (आईओ) ने सावला को छत के पंखे में बंधे बेडशीट के फंदे से लटका हुआ पाया। कमरे से एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें मृतक ने लिखा है कि वह अवसाद से पीड़ित था और दवा ले रहा था।’’अधिकारी ने कहा, ‘‘शनिवार को मृतक के पिता दीपेश रतिलाल सावला और अन्य रिश्तेदारों के बयान दर्ज किए गए। उन्हें किसी गड़बड़ी का संदेह नहीं है। उनहोंने कहा, ’एम्स में पोस्टमार्टम के बाद सावला का शव उनके परिवार के सदस्यों को सौंप दिया गया है।’
पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू कर दी है।फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोरडा) ने सावला के निधन पर शोक जताते हुए सावला द्वारा पहले पोस्ट किया गया एक वीडियो इस टिप्पणी के साथ ट्वीट किया : ‘‘खं8रं5’ं15 एक ईमानदार मेडिसिन पीजी थे। उन्होंने दिसंबर 22 में एक वीडियो बनाया और देखिए कि उनकी विचार प्रक्रिया कितनी जटिल, मगर व्यवस्थित थी। वह मेडिसिन के अपने कोर्स से खुश थे। साल 2023 के लिए उनके अद्भुत लक्ष्य थे और हमें उम्मीद थी कि वह उसे हासिल कर लेंगे। दुख की बात है कि हमने उन्हें अवसाद के कारण खो दिया। इससे पता चलता है कि डिप्रेशन सबसे मजबूत लोगों को भी अपनी चपेट में ले सकता है, यहां तक कि सबसे समझदार लोगों को भी।’’
दिल्ली के एक अस्पताल में सहायक चिकित्सा अधीक्षक ध्रुव चौहान ने पोस्ट किया, ‘‘एक शीर्ष चिकित्सा संस्थान, सफदरजंग अस्पताल में तीसरे वर्ष के मेडिसिन पीजी रेजिडेंट डॉक्टर ने आत्महत्या कर ली है। मेरे लिए आश्चर्य की बात यह है कि वह कोई साधारण डॉक्टर नहीं थे! वह मार्शल आर्ट में ब्लैक बेल्ट पाने वाले और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के शतरंज खिलाड़ी थे और सभी सामाजिक मुद्दों पर उनकी सक्रिय उपस्थिति रहती थी। मैं उन लोगों के लिए इसका उल्लेख कर रहा हूं जो सोचते हैं कि केवल कमजोर लोग ही आत्महत्या करते हैं।’
उन्होंने आगे कहा, ‘इस देश में और विशेष रूप से डॉक्टरों के बीच अवसाद अब केवल एक बीमारी नहीं है, बल्कि यह अब एक महामारी है! ज्यादा नुकसान होने से पहले सरकार और अधिकारियों को इसका एहसास होना चाहिए। बस याद दिलाने के लिए, यह 1-2 सप्ताह के अंदर डॉक्टरों द्वारा की गई चौथी आत्महत्या है।‘