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सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली में ‘बिगड़ी कानून-व्यवस्था’ को लेकर केंद्र सरकार पर साधा निशाना, विभिन्न मुद्दों पर की बात

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज ने सोमवार को आईएएनएस से बातचीत के दौरान विभिन्न मुद्दों पर अपनी बात रखी। उन्होंने दिल्ली की कानून-व्यवस्था को लेकर केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा किया।

सौरभ भारद्वाज ने कहा, “दिल्ली के अंदर आज लोग डरे हुए हैं। यह वह वक्त है जब लाखों लोग बाजारों में जाएंगे। कल करवा चौथ था, अब आगे धनतेरस, दिवाली, छठ पूजा और गुरु नानक जयंती आएगी। लोग शॉपिंग करने जाएंगे। एक-दूसरे के घर जाएंगे। आज लोगों को लगता है कि पता नहीं कहां जाएं, कहीं गैंगवार न हो रहा हो, कहीं गोलियां न चल रही हों, कहीं बम न फट जाए, बाहर निकलने पर घर के अंदर डकैती न हो जाए। दुकानों में गोलियां चल रही हैं, कार के शोरूम में गोलियां चल रही हैं, होटलों में गोलियां चल रही हैं, करोड़ों रुपये की रंगदारी मांगी जा रही है।”

उन्होंने आगे कहा, “आज दुकानदार बिना प्रोटेक्शन मनी के काम करने से डर रहा है। लोग अपने धंधे बंद कर रहे हैं। कानून की ऐसी दुर्दशा दिल्ली में पहले कभी नहीं थी। केंद्र सरकार ने पिछले 10-11 साल में दिल्ली की कानून-व्यवस्था को पूरी तरीके से खराब कर दिया है। ट्रैफिक व्यवस्था को इन्होंने खराब कर दिया है। इनसे ये छोटे-छोटे काम नहीं संभाल पा रहे हैं, ये लोग दिल्ली को क्या संभालेंगे?”

वीरेंद्र सचदेवा के इंडिया गेट विजिट पर भी उन्होंने कहा, “वह कह रहे हैं कि इंडिया गेट नजर नहीं आ रहा। मैं कह रहा हूं कि एलजी साहब नजर नहीं आ रहे। इंडिया गेट तो फिर भी वहीं है, जहां था। लेकिन एलजी साहब कहां हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “परसों वेलकम में 60 राउंड फायरिंग हुई है। एक लड़की जिसका कोई लेना-देना नहीं था, उसको गोली लग गई। एलजी साहब नहीं गए। वेलकम कॉलोनी क्यों नहीं गए। कल रोहिणी के अंदर बम ब्लास्ट हो गया। एलजी साहब रोहिणी भी नहीं गए, वह क्यों नहीं दिख रहे हैं, यह सवाल लोगों के मन में है।”

उन्होंने कहा, “पिछले 10 साल में भारतीय जनता पार्टी के पास कश्मीर की कानून-व्यवस्था रही। पहले वह महबूबा मुफ्ती के साथ सरकार में थी, उसके बाद उन्होंने उसे यूनियन टेरिटरी बना दिया। अपना उपराज्यपाल बैठा दिया। इन्होंने कहा था कि वहां पर लोग प्लॉट खरीदेंगे, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के लोग फैक्ट्री लगाएंगे, उनका क्या हुआ। आप कश्मीरी पंडितों तक को वहां पर दोबारा नहीं बसा पाए। जो कश्मीरी पंडित वहां रह रहे थे उन्हें चुन-चुनकर वहां पर उग्रवादी उनके सिर में गोली मार रहे हैं।

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