शाह रविवार को मप्र सरकार का ‘रिपोर्ट कार्ड’ जारी करेंगे, ग्वालियर में होगी कार्यसमिति की बैठक

भोपाल: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रविवार को यहां मध्य प्रदेश सरकार का ‘रिपोर्ट कार्ड’ जारी करेंगे और इसके बाद नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के क्षेत्र ग्वालियर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कार्यसमिति की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। पार्टी के एक पदाधिकारी ने यह जानकारी दी। पार्टी की प्रदेश इकाई के एक नेता.

भोपाल: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रविवार को यहां मध्य प्रदेश सरकार का ‘रिपोर्ट कार्ड’ जारी करेंगे और इसके बाद नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के क्षेत्र ग्वालियर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कार्यसमिति की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। पार्टी के एक पदाधिकारी ने यह जानकारी दी। पार्टी की प्रदेश इकाई के एक नेता ने कहा कि शाह रविवार यानी कल सुबह यहां आएंगे और शिवराज सिंह चौहान सरकार का ‘रिपोर्ट कार्ड’ जारी करेंगे।

मध्य प्रदेश भाजपा मीडिया प्रकोष्ठ के प्रमुख आशीष अग्रवाल ने शनिवार को फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि इसके बाद शाह भोपाल से ग्वालियर के लिए रवाना होंगे जहां वह कार्य समिति की बैठक को संबोधित करेंगे। सूत्रों ने कहा कि पार्टी विधायकों, सांसदों, जिला अध्यक्षों और महासचिवों को ग्वालियर पहुंचने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि लगभग 1,500 पदाधिकारियों को बैठक में बुलाया गया है और उम्मीद है कि बैठक में आगामी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी अपनी अंतिम योजना पेश करेगी।

चुनाव से पहले यह प्रदेश कार्यसमिति की आखिरी बैठक होगी। राज्य में इस वर्ष के अंत में चुनाव होने हैं। राजनीतिक पर्यवेक्षकों के अनुसार, भाजपा ग्वालियर और चंबल क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करने का प्रयास कर रही है। ग्वालियर में पिछले वर्ष 57 साल बाद महापौर का चुनाव कांग्रेस से हारने के बाद भाजपा इस इलाके में अपना आधार बढ़ाना चाहती है। एक महीने से भी कम समय में शाह का मध्य प्रदेश का यह दूसरा दौरा होगा। इसके पहले 30 जुलाई को शाह ने इंदौर का दौरा किया था, जहां उन्होंने बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया।

वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने ग्वालियर और चंबल क्षेत्र की 34 में से 26 सीट जीतीं, तब ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में थे। सिंधिया के अपने करीबियों के साथ भाजपा में चले जाने के बाद, नवंबर 2020 में ग्वालियर और चंबल क्षेत्र में हुए उपचुनावों में कांग्रेस 19 में से सिर्फ सात सीट जीत सकी थी। एक राजनीतिक पर्यवेक्षक ने कहा कि पिछले साल ग्वालियर में महापौर के चुनाव में झटका लगने के बाद अब भाजपा कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती।

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