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शिंदे ने महाराष्ट्र में कामाख्या देवी मंदिर के वास्ते जमीन देने पर दी सहमति : CM Himanta Biswa Sarma

गुवाहाटीः असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने गृह राज्य में कामाख्या देवी के मंदिर के निर्माण के लिए जमीन देने के प्रस्ताव पर सहमति दे दी है। हाल में महाराष्ट्र से आए पत्रकारों के एक समूह से बातचीत में शर्मा ने कहा कि उनकी इस मंदिर के साथ नामघर (वैष्णवों के लिए एक स्थान) बनाने की योजना है। उन्होंने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा, कि ‘हम महाराष्ट्र में कामाख्या देवी का एक सुंदर मंदिर बनाना चाहते हैं। मैं पहले ही (एकनाथ) शिंदे से बातचीत कर चुका हूं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री मां कामाख्या के अनन्य भक्त हैं।’’ ब्रह्मपुत्र नदी के तट पर नीलाचल पर्वत के शिखर पर स्थित कामाख्या मंदिर देश में सबसे बड़े एवं पुराने शक्तिपीठों में एक है। देवी कामाख्या का यह मंदिर तांत्रिकों और हिंदुओं के लिए बहुत बड़ा तीर्थाटन केंद्र है।

असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि जब पिछली बार शिंदे असम आए थे तब उन्होंने उनसे महाराष्ट्र में कामाख्या मंदिर और नामघर के निर्माण के वास्ते जमीन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा, कि ‘‘शिंदे ने जमीन देने के विषय पर चर्चा करने के लिए मुझे मुंबई आने का न्योता दिया। मुझे अब तक जाने का समय नहीं मिला। जब भी मैं जाऊंगा, मैं इस चर्चा को आगे बढ़ाऊंगा।’’ शर्मा ने यह भी कहा कि नवी मुंबई में असम सरकार की जमीन है और उसने शुरू में वहीं मंदिर बनाने की योजना बनाई थी।

उन्होंने कहा, कि ‘लेकिन जब शिंदे मुख्यमंत्री बने, तब मुझे उम्मीद हुई कि यदि हमें अच्छी जमीन मिल गई तो हम सुंदर मंदिर बना सकते हैं।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या शिंदे अगले साल लोकसभा चुनाव से पहले कामाख्या मंदिर आएंगे, शर्मा ने कहा, कि ‘मैंने उनके चेहरे पर मां के प्रति गहरी आस्था देखी है। मैंने उनसे कहा कि आते रहिए क्योंकि तब ही बेटे और मां के बीच रिश्ते अच्छे बने रहेंगे।’’ शर्मा ने यह भी कहा कि काशी विश्वनाथ गलियारे की तर्ज पर असम सरकार 600 करोड़ रुपए की लागत से कामाख्या गलियारा विकसित कर रही है।

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