Site icon Dainik Savera Times | Hindi News Portal

कुछ लोग जाति के नाम पर समाज में जहर फैलाने की कोशिश कर रहे हैं: PM Modi

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘जाति के नाम पर समाज में जहर फैलाने के लिए’ विपक्ष पर शनिवार को हमला बोला और लोगों से गांवों की साझा संस्कृति एवं विरासत को मजबूत करने के उद्देश्य से ऐसी साजिशों को विफल करने को कहा। प्रधानमंत्री ने ‘ग्रामीण भारत महोत्सव’ का उद्घाटन करते हुए कहा कि उनकी सरकार 2014 से ग्रामीण विकास पर ध्यान केंद्रित कर रही है और 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने में गांव महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
मोदी ने कांग्रेस नेता एवं लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और ‘इंडिया’ गठबंधन के अन्य नेताओं का परोक्ष जिक्र करते हुए कहा कि कुछ लोग जाति के नाम पर समाज में जहर फैलाने और सामाजिक ताने-बाने को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘हमें इन षड्यंत्रों को विफल करना होगा तथा अपने गांवों की साझा विरासत को संरक्षित एवं मजबूत करना होगा।’ गांधी और अखिलेश यादव सहित विपक्षी नेता जातिगत जनगणना की लगातार मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देशय़ सशक्त ग्रामीण भारत सुनिश्चित करना, ग्रामीणों को पर्याप्त अवसर प्रदान करना, पलायन को कम करना और गांवों के लोगों के लिए जीवन को आसान बनाना है। मोदी ने गांवों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने की योजनाओं के बारे में कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय बनाए गए हैं और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्रामीण भारत के करोड़ों लोगों को पक्के घर दिए गए हैं।

जल जीवन मिशन के माध्यम से सुरक्षित और स्वच्छ पेयजल भी उपलब्ध कराया जा रहा है। आज डेढ़ लाख से अधिक आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। डिजिटल प्रौद्योगिकी की सहायता से टैलीमैडिसन ने गांवों में सर्वश्रेष्ठ चिकित्सकों और अस्पतालों का विकल्प सुनिश्चित किया है। ई-संजीवनी के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में करोड़ों लोगों को टैलीमैडिसन का लाभ मिला है। प्रधानमंत्री ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए आíथक नीतियां बनाने के महत्व पर प्रकाश डाला। ग्रामीण भारत की उद्यमशीलता की भावना और सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाते हुए यह महोत्सव 4 से 9 जनवरी तक आयोजित किया जाएगा। इसका मुख्य विषय ‘विकसित भारत 2047 के लिए एक लचीले ग्रामीण भारत का निर्माण’ रखा गया है, जबकि आदर्श वाक्य ‘गांव बढ़े, तो देश बढ़े’ है।

Exit mobile version