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सारस और बारहसिंघा के लिए जंगलों में विकसित किए जाएं विशेष पार्क: CM Yogi

लखनऊ : अमेठी जिले के सारस प्रकरण की चर्चा के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उतर प्रदेश के घने जंगलों में राज्य पक्षी सारस और राज्य पशु बारहसिंघा के लिए विशेष पार्क विकसित करने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) फंड से वन विभाग को प्राप्त मोटरसाइकिल और स्कूटी को हरी झंडी दिखाये जाने के अवसर पर अपने सम्बोधन में कहा कि प्रदेश के घने जंगलों में राज्य पक्षी सारस और राज्य पशु बारहसिंघा के लिए विशेष पार्क विकसित किये जाएं।

मुख्यमंत्री का यह वक्तव्य ऐसे वक्त आया है जब अमेठी जिले में आरिफ नामक व्यक्ति और सारस की दोस्ती का मामला चर्चा में है। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा उठाये जाने की वजह से यह मामला राजनीतिक रंग भी ले चुका है। करीब एक साल पहले घायल हालत में मिले सारस का आरिफ ने इलाज किया था। उसके बाद से ही वह आरिफ के साथ रहने लगा था। वन विभाग की टीम हाल ही सारस को उसके प्राकृतिक परिवेश में रखने के लिये अपने साथ ले गयी थी और बाद में उसे कानपुर चिड़ियाघर भेज दिया गया था। इस मामले में आरिफ के खिलाफ मामला दर्ज करके जांच शुरू की गयी है।

योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम में वन विभाग को प्रदेश के जंगलों को ‘इको टूरिज्म’ केन्द्रों के रूप में विकसित करने के लिए सकारात्मक भाव के साथ काम करने के निर्देश देते हुए यह भी कहा कि वन विभाग ऐसे महकमों को चिह्नित करे, जिनसे पर्यावरण और वन संपदा को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचता है। उन्होंने कहा कि इसके बाद सीएसआर निधि को पर्यावरण संरक्षण के लिए कैसे उपयोग कर सकते हैं, इसके लिए जल्द से जल्द एक व्यवस्था तैयार की जाए। इससे पहले, मुख्यमंत्री ने 26वीं अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने और पदक प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों से बातचीत की।

आदित्यनाथ ने सभी खिलाड़ियों को इस उपलब्धि पर शुभकामनाएं देते हुए उनका अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर वृक्षारोपण जन आंदोलन 2022 की कॉफी टेबल बुक का भी विमोचन किया। आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले छह वर्ष में प्रदेश में 100 करोड़ से अधिक पौधे लगाये गये हैं, जिससे राज्य का वन आवरण बढ़ा है। उन्होंने कहा कि साथ ही साथ वन्यजीवों की संख्या भी बढ़ी है जो जंगल अनवरत काटे जा रहे थे उन्हें नियंत्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि अवैध खनन को प्रतिबंधित किया गया है, हर स्तर पर वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए पुख्ता कदम उठाए गये हैं।

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