नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार और धन शोधन मामलों में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के. कविता को राहत देते हुए मंगलवार को जमानत दे दी। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि कविता करीब 5 महीनों से हिरासत में हैं और इन मामलों में उनके खिलाफ सीबीआई तथा ईडी की जांच पूरी हो गई है। पीठ ने कहा, ‘इसीलिए इस मामले में जांच के उद्देश्य के लिए अपीलकत्र्ता (कविता) की हिरासत आवश्यक नहीं है।’ शीर्ष कोर्ट ने उन्हें जमानत दिए जाने से इंकार करने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के 1 जुलाई के आदेश को रद्द कर दिया।
दिल्ली हाईकोर्ट ने दोनों मामलों में कविता की जमानत याचिकाएं खारिज करते हुए कहा था कि वह प्रथम दृष्टया दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 (जो अब रद्द की जा चुकी है) को तैयार करने और लागू करने से संबंधित आपराधिक साजिश में मुख्य साजिशकत्र्ताओं में से एक हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कविता से दोनों मामलों में 10-10 लाख रुपए की मुचलका राशि भरने को भी कहा। कविता को अपना पासपोर्ट निचली कोर्ट में जमा करने का निर्देश देते हुए पीठ ने कहा कि वह सबूतों से छेड़छाड़ या गवाहों को प्रभावित करने का कोई प्रयास नहीं करेंगी।
सुनवाई के दौरान पीठ ने इन मामलों की जांच में केंद्रीय जांच एजैंसियों की निष्पक्षता पर सवाल उठाया और उन्हें उनकी ‘कार्य प्रणाली’ के लिए फटकार लगाई। इसने ईडी और सीबीआई से यह भी पूछा कि उनके पास वह ‘सामग्री’ क्या है जिससे यह पता चले कि कविता कथित घोटाले में शामिल थीं। सुप्रीम कोर्ट की यह पीठ कथित घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार और धन शोधन मामलों में जमानत की मांग करने वाली कविता की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।