नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने अधूरी जानकारी देने के लिए भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को फटकार लगाते हुए शुक्रवार को कहा कि बैंक को प्रत्येक चुनावी बॉन्ड के लिए विशिष्ट संख्या प्रदान करना होगा जो खरीदार और प्राप्तकर्त्ता राजनीतिक दल के बीच राजनीतिक संबंध का खुलासा करेगा। कोर्ट ने देश के सबसे बड़े बैंक को अपने निर्देशों के अनुपालन में विशिष्ट अक्षरांकीय संख्या (यूनीक अल्फा-न्यूमेरिक नंबर) का खुलासा न करने के लिए ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किया और कहा कि एसबीआई उन संख्याओं के खुलासे के लिए ‘कर्तव्यबद्ध’ था। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली 5 सदस्यीय संविधान पीठ ने कहा कि शीर्ष कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड मामले पर अपने फैसले में खरीदार, राशि और खरीद की तारीख सहित बॉन्ड के सभी विवरण का खुलासा करने का निर्देश दिया था।
इस पीठ में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बीआर गवई, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल हैं। निर्वाचन आयोग (ईसी) ने वीरवार को उन संस्थाओं की पूरी सूची जारी की, जिन्होंने राजनीतिक चंदा देने के लिए चुनावी बॉन्ड खरीदे थे। आयोग द्वारा अपनी वैबसाइट पर ये आंकड़े सार्वजनिक किए जाने के एक दिन बाद प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि एसबीआई को सभी जानकारियां मुहैया करानी हैं। पीठ ने बैंक को नोटिस जारी किया और मामले में आगे की सुनवाई के लिए 18 मार्च की तिथि तय की। कोर्ट, निर्वाचन आयोग की उस अर्जी पर सुनवाई कर रहा था जिसमें चुनावी बॉन्ड मामले में कोर्ट के 11 मार्च के आदेश के एक हिस्से में संशोधन का अनुरोध किया गया है।