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सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश- पुलिस WhatsApp या अन्य इलैक्ट्रॉनिक माध्यमों से आरोपी को नोटिस नहीं भेज सकती

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पुलिस आरोपी व्यक्तियों को दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) या भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस), 2023 के तहत व्हाट्सएप्प या अन्य इलैक्ट्रॉनिक माध्यमों से नोटिस नहीं

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पुलिस आरोपी व्यक्तियों को दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) या भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस), 2023 के तहत व्हाट्सएप्प या अन्य इलैक्ट्रॉनिक माध्यमों से नोटिस नहीं भेज सकती।

जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस राजेश बिंदल की पीठ ने 21 जनवरी के आदेश में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया कि वे सीआरपीसी, 1973 की धारा 41ए या बीएनएसएस, 2023 की धारा 35 के तहत केवल कानून के तहत निर्धारित सेवा के माध्यम से नोटिस जारी करने के लिए पुलिस को उचित निर्देश जारी करें।

यह निर्देश तब आया जब अदालत ने मामले में नियुक्त न्याय मित्र वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा के सुझाव को स्वीकार कर लिया। लूथरा ने ऐसे उदाहरणों को चिन्हित किया जहां सीआरपीसी, 1973 की धारा 41-ए के तहत व्हाट्सएप्प के माध्यम से नोटिस भेजा गया, लेकिन आरोपी जांच अधिकारी के सामने पेश नहीं हुए। शीर्ष कोर्ट ने सतेंद्र कुमार अंतिल के मामले में यह निर्देश दिया।

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