हैदराबाद: राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने तेलंगाना के मुलुगु जिले के कोंडई गांव में बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने के लिए एक अभियान शुरू किया है। एनडीआरएफ की टीमें जिला प्रशासन और पुलिस की मदद से जंपन्ना वागु नदी के उफनते पानी में डूबे गांव के लोगों को बचाने की कोशिश में जुटी हैं। ग्रामीणों ने मदद के इंतजार में घरों की छतों पर रात बिताई। बताया जा रहा है कि करीब 60-70 लोग बिना भोजन और पानी के फंसे हुए हैं।
ग्रामीणों को बचाने के लिए नावों का इस्तेमाल किया जा रहा है। जनजातीय कल्याण मंत्री सत्यवती राठौड़ ने भी बचाव अभियान के लिए सेना के हेलीकॉप्टरों की मांग की है। वह बचाव कार्य की निगरानी कर रही थीं। गुरुवार को जंपन्ना वागु के उफान में कम से कम आठ लोग बह गए। इनमें से पांच लोगों के शव शुक्रवार को बरमाद किए गए। बुधवार रात को हुई भारी बारिश के कारण मुलुगु जिले में अचानक बाढ़ आ गई। एतुर्नागाराम, मंगापेट और एसएस तडवई मंडलों के कम से कम 30 गांव और बस्तियां पानी जमा हो गया।
जंपन्ना वागु के बाढ़ के पानी ने तडवई मंडल के मेदाराम में प्रसिद्ध सम्मक्का-सरक्का आदिवासी मंदिर को भी डुबो दिया। आदिवासी नेताओं ने मूर्तयिों और अन्य सामग्रियों को मंदिर से सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कर दिया था। गुरुवार को इसी जिले के मोरंचापल्ली से एनडीआरएफ ने सैकड़ों ग्रामीणों को बचाया था।