Site icon Dainik Savera Times | Hindi News Portal

लोक सभा में हंगामे के बीच पेश हुआ Telecommunication Bill 2023

नई दिल्लीः लोक सभा की सुरक्षा में हुई चूक के मामले में विपक्षी दलों का हंगामा सोमवार को भी जारी रहा। विपक्षी सांसदों के हंगामे और नारेबाजी के कारण सोमवार को लोक सभा की कार्यवाही को पहले 12 बजे तक और फिर 2 बजे तक स्थगित करना पड़ा। हंगामे के बीच ही केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को लोक सभा में टेलीकम्यूनिकेशन बिल-2023 को पेश कर दिया। विपक्षी दल लोक सभा की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर लगातार गृह मंत्री अमित शाह के जवाब की मांग कर रहे थे। वहीं लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में एक बार फिर से यह साफ कर दिया कि लोक सभा के अध्यक्ष होने के नाते सुरक्षा की जिम्मेदारी उनकी है।

दोपहर 12 बजे लोक सभा की कार्यवाही दोबारा शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने फिर से तख्तियां लहराना और नारेबाजी करना शुरू कर दिया। हंगामे के बीच ही पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने सभा पटल पर रखे जाने वाले कागजों को सदन में पेश करवाना शुरू कर दिया। हंगामे के बीच ही केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सदन में टेलीकम्यूनिकेशन बिल-2023 को भी पेश कर दिया। पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल इस दौरान लगातार नारेबाजी कर रहे सांसदों से सदन चलने देने की अपील करते रहे। उन्होंने तख्तियां लहराने वाले सांसदों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की भी चेतावनी दी लेकिन अपील और चेतावनी दोनों के बेअसर होने के बाद उन्होंने लोक सभा की कार्यवाही को दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।

इससे पहले सोमवार को सुबह 11 बजे लोक सभा की कार्यवाही शुरू होने पर स्पीकर ओम बिरला ने विपक्षी दलों के हंगामे पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए लोक सभा में कहा कि स्पीकर होने के नाते संसद की सुरक्षा का दायित्व उनका है और 13 दिसंबर को जो कुछ भी हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक घटना थी। विपक्षी सांसदों की नारेबाजी के बीच बिरला ने कहा कि इस घटना पर सदन में भी सामूहिक रूप से चिंता व्यक्त की गई थी। सभी दलों के नेताओं के साथ विचार विमर्श में जो महत्वपूर्ण सुझाव आए थे,उन्हें तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। सदन के भीतर हुई इस घटना की गहन जांच के लिए एक उच्चस्तरीय जांच कमेटी बनाई गई है।

इसके अलावा, उन्होंने हाई पावर्ड कमेटी बनाई है, जो संसद परिसर में सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं की व्यापक समीक्षा करेगी। यह कमेटी, संसद की सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के लिए एक ठोस कार्य योजना बनाएगी, ताकि फिर कभी कोई ऐसी किसी घटना को अंजाम ना दे सके। बिरला ने अतीत में हुई इस तरह की घटनाओं का जिक्र करते हुए आगे कहा कि आप सभी भलीभांति अवगत हैं कि सदन में पूर्व में भी ऐसी घटनाएं कई बार हो चुकी हैं। संसद परिसर की सुरक्षा, संसद के क्षेत्रधिकार में आती है। इसलिए सुरक्षा के विषय पर हमारी जो भी कार्य योजना बनेगी, वह आप सबके साथ विचार विमर्श करके, आपके सुझावों के आधार पर ही बनेगी और उसके बाद संसद सचिवालय द्वारा ही क्रियान्वित की जाएगी। पूर्व में भी तत्कालीन अध्यक्षों और सदन ने ही ऐसी घटनाओं का संज्ञान लेते हुए उनपर आवश्यक कार्रवाई की है। बिरला ने सदन में फिर साफ कर दिया कि 13 सांसदों के निलंबन का सदन में 13 दिसंबर को हुई घटना से कोई परस्पर संबंध नहीं है।

Exit mobile version