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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना को 2025-26 तक जारी रखने की मंजूरी दी

केंद्रीय ग्रामीण विकास और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रेसवार्ता कर केंद्रीय कैबिनेट के फैसलों पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि हमारे देश की जनता की जिन्दगी में नये साल में खुशियां व समृद्वि आये और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प को हम पूरा कर पायें।.

केंद्रीय ग्रामीण विकास और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रेसवार्ता कर केंद्रीय कैबिनेट के फैसलों पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि हमारे देश की जनता की जिन्दगी में नये साल में खुशियां व समृद्वि आये और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प को हम पूरा कर पायें। उन्होंने कहा कि नये साल को सरकार ने किसानों को समर्पित किया है। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को हदृय से धन्यवाद देता हूं। आज कैबिनेट ने किसानों के हित में 3 बड़े फैसले लिए हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के लिए वरदान है। उन्होंने कहा कि राज्य पहले अपना हिस्सा नहीं देते थे। राज्य बहुत देर करते थे लेकिन केंद्र सरकार ने कहा है कि हम अपना हिस्सा तत्काल डालेंगे। ऐसे अनेकों फैसले फसल बीमा योजना में किये गये हैं: –

  • केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना को 2025-26 तक जारी रखने की मंजूरी दी है, जिसका कुल बजट ₹69,515.71 करोड़ है।
  • इस निर्णय का उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं के खिलाफ किसानों को जोखिम कवरेज प्रदान करना है।
  • मंत्रिमंडल ने बीमा योजना में प्रौद्योगिकी सुधार के लिए ₹824.77 करोड़ आवंटित करने के साथ, नवाचार और प्रौद्योगिकी कोष (FIAT) की स्थापना को मंजूरी दी है।
  • प्रमुख पहलों में प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए उपज अनुमान प्रणाली (YES-TECH) शामिल है, जो फसल उपज अनुमानों के लिए रिमोट सेंसिंग का उपयोग करती है।
  • स्वचालित मौसम स्टेशनों के माध्यम से मौसम डेटा को बढ़ाने के लिए मौसम सूचना और नेटवर्क डेटा सिस्टम (WINDS)।
  • राज्य सरकारों की सहायता के लिए WINDS का कार्यान्वयन 2024-25 में शुरू होगा।

उन्होंने दूसरे फैसले के बारे में बताते हुए कहा कि कैबिनेट ने डाय-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) पर एकमुश्त विशेष पैकेज को 31 दिसंबर, 2025 तक बढ़ाने को मंजूरी दी है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है  कि डीएपी किसानों के लिए किफायती बना रहे।

  • पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) नीति के तहत, उर्वरक कंपनियां निश्चित सब्सिडी के आधार पर कीमतें तय करती हैं। इसके अतिरिक्त :
  • कैबिनेट ने पहले 31 दिसंबर, 2024 तक विशेष पैकेज को मंजूरी दी थी।
  • 01.01.2025 से 31.12.2025 के बीच विस्तारित अवधि के लिए अस्थायी बजटीय आवश्यकताएं ₹3850 करोड़ होंगी।
  • भुगतान 01.01.2025 से 31.12.2025 तक डीएपी की वास्तविक PoS बिक्री पर एनबीएस योजना के तहत उपलब्ध बजट से किया जाएगा।

शिवराज सिंह चौहान ने तीसरे फैसले के बारे में बताते हुए कहा कि मंत्रिमंडल ने भारत के सहकारिता मंत्रालय और इंडोनेशिया के व्यापार मंत्रालय के बीच गैर बासमती सफेद चावल (एनबीडब्ल्यूआर) के व्यापार पर समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने को मंजूरी दी है। इसके अर्न्तगत:-

    • यह एमओयू उत्पादन और अंतर्राष्ट्रीय कीमतों के आधार पर सालाना एक मिलियन मीट्रिक टन गैर बासमती सफेद चावल के व्यापार के लिए है।
    • एमओयू की अवधि चार साल होगी और इसे स्वचालित रूप से अतिरिक्त चार साल के लिए विस्तारित किया जाएगा।
    • इस समझौते का कार्यान्वयन राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (एनसीईएल) द्वारा किया जाएगा, जो सहकारिता मंत्रालय द्वारा अधिकृत है।
    • एनसीईएल बहुराज्य सहकारी समिति अधिनियम, 2002 के तहत स्थापित एक सहकारी समिति है।
    • यह समझौता ज्ञापन व्यापार असंतुलन को दूर करने और भारत-इंडोनेशिया व्यापार संबंधों को मजबूत करने में मदद करेगा।
    • एनसीईएल पारदर्शी निविदा प्रक्रिया के माध्यम से और सहकारी समितियों से खुले बाजार से गैर बासमती सफेद चावल (एनबीडब्ल्यूआर) का स्रोत करेगा, जिससे बाजार विकृत नहीं होगा।

चौहान ने कहा कि कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अगले एक महीने के कामकाज का लक्ष्य निर्धारित किया गया है और उन लक्ष्यों को हासिल करने का प्रयास जारी रहेगा।

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