कुल्लू (सृष्टि शर्मा): कुल्लू में एक अनोखा गांव है जहा अपना ही कानून चलता है। मलाणा गांव दुनिया के सबसे पुरानी लोकतांत्रिक व्यवस्था का एक जीता जागता उदाहरण है। जहां क्षेत्र के देवता जमलू ऋषि का कानून चलता है। आधुनिक दुनिया से कुछ दूर ये गांव आज भी अपने रीति रिवाजों को मानते है। इस गांव में बाहर के लोगों को कुछ भी छूने की अनुमति नहीं है। यही लोगों के घरों, मंदिर, इमारतों को छू ले तो जुर्माना भरना पड़ता है। मलाणा के लोगों ने बताया की गांव में लोगों को क्या समस्याएं आती है। यहां पढ़ाई करने में दिक्कत आती है। यहां स्कूल में अध्यापक ने होने से बच्चों को शिक्षा नहीं मिल पा रही।
मलाणा करीम के लिए बदनाम इस गांव का आखिर क्या है सच?
मलाणा के ग्रामीण ने बताया की यहां गांव में लोगों के पास अपनी जमीन नहीं है इसके चलते सरकार को मलाणा के लोगों के लिए सोचना चाइए। वहीं ग्रामीण महिलाओं से बात करनी शुरू की तो पहले तो महिलाएं शरमाने लगी और अपनी राक्षसी भाषा ‘कनाशी’ बोली में बात करने लगी।
कुछ महिलाएं जंगलों से लकड़ी लाने का काम कर रही थीं। जिस दौरान उन्होंने बताया की गांव में सारे काम महिलाएं ही करती है। चाहे जंगलों से लकड़ी लाना हो, खेत खोदना या मवेशी लेकर जाना। सब काम महिलाएं ही करती हैं जबकि गांव के मर्द मंदिर परिसर के बाहर चुग पर बैठे रहते है या चौसर खेलते है।