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हिमाचल में सर्दियों में नहीं होगी बिजली की किल्लत: CM Sukhu

शिमला: हिमाचल प्रदेश में इस वर्ष अक्तूबर तक 200 मैगावाट सोलर बिजली का उत्पादन आरभ हो जाएगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश विधानसभा में ये ऐलान किया। इस बिजली के उत्पादन से फि र हिमाचल को सर्दियों के मौसम में दूसरे राज्यों पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा। क्योंकि सर्दियों के दिनों में प्रदेश को दूसरे राज्यों से बिजली की खरीद करनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि 9 महीने के रिकॉर्ड समय में 200 मैगावाट सोलर पावर का उत्पादन किया जाएगा जो इससे पहले कभी नहीं हुआ है। हिमाचल प्रदेश जल विद्युत उत्पादन पर जल उपकर विधेयक, 2023 की चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार को संसाधन जुटाने की जरूरतहै जिसके लिए कडे कदम उठाए जा रहे हैं। इससे परेशानी तो होगी, मगर आने वाला समय बेहतरीन जरूर हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि अभी सर्दियों में अक्तूबर से मार्च महीने तक प्रदेश को 7 रुपए प्रति यूनिट तक बिजली की खरीद करनी पड़ती है। अपनी सोलर पावर होगी तो यह जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि हाइड्रो पावर का उत्पादन उस समय में कम हो जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के हित में जो भी हो सकेगा वह किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मंत्री रात को भी काम करते हैं जो आगे भी करेंगे क्योंकि राज्य का हित देखना है। उन्होंने कहा कि वाटर सेस को लाने में सरकार की कोई राजनीतिक मंशा नहीं है। उन्होंने कहा कि हिमाचल में पावर पॉलिसी में भी बदलाव किया जाएगा। इसे लेकर अधिकारी काम कर रहे हैं और दूसरे राज्यों के मुकाबले एक बेहतरीन पॉलिसी यहां पर दी जाएगी जिससे पावर सैक्टर में भी निवेश बढ़े।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार वाटर सेस के लिए अध्यादेश लाई और ये इसलिए जरूरी था, क्योंकि सालों से हम अपने अधिकार से वंचित थे। पानी पर सेस लगाना राज्य का अधिकार है और पानी हिमाचलका बहता सोना है। उन्होंने कहा कि शांता कुमार ने वाटर सेस को लेकर सराहना की है। उनका कहना था कि 172 बिजली परियोजनाओं को आयोग में पंजीकरण करवाना होगा। हिमाचल के लोगों को कोई दिक्कत न होए इसे ध्यान में रखा जाएगा और हिमाचली उत्पादकों को राहत प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने सिंचाई के लिए दूसरे राज्यों द्वारा उपयोग में लाए जा रहे पानी पर भी सेस कैसे लगेए इस सुझाव को बेहतरीन बताया और कहा कि सरकार इस दिशा में ध्यान देगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के हक को लेने के लिए जो भी करना पड़ेगा वह किया जाएगा। उनका कहना था कि संसाधन जुटाने के लिए सरकार कई कारगर कदम आने वाले समय में उठाएगी, यह तय है।

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