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राम मंदिर आंदोलन में कारसेवा करने वाले अब बैंड-बाजे के साथ रामलला के दर्शन के लिए पहुंचे अयोध्या

लंबे संघर्षों और बलिदान के बाद अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को श्रीराम मंदिर का उद्धाटन हो गया है. रामलला की भव्य प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है. ऐसे में उन कारसेवकों चेहरों से निराशा के बादल छट गए हैं और आंखों में खुशी के आंसू बह रहे हैं, जिन्होंने कभी राम मंदिर आंदोलन में हिस्सा लिया था. ऐसे कई कारसेवकों का जत्था बैंड बाजे के साथ गाजियाबाद से झूमते-गाते-नाचते अपने आराध्य के दर्शन करने अयोध्या पहुंच रहा है।

इनमें से कुछ ऐसे चेहरे भी है जिन्होंने राम मंदिर आंदोलन के दौरान बड़े काम किए, लेकिन मीडिया के कैमरे से हमेशा दूर रहे. इन्हीं में से एक राधा रमण भी हैं. साल 1992 एक साधु ने बैरियर तोड़ दिया था. वह घटना काफी चर्चित हुई थी. उस बस में साधु के साथ राधा रमण भी मौजूद थे. इसी तरह न जाने कितने ऐसे लोग जो आज बैंड बाजों के साथ उत्साहित होकर रामलला के दर्शन करने के लिए जा रहे हैं.

लखनऊ से मुस्लिम राम भक्त पहुंचे अयोध्या

अयोध्या के राम मंदिर में भेद भाव खत्म हो गया है. देशभर से रामभक्त रामलला के दर्शन करने पहुंच रहे हैं. इनमें मुस्लिमों की संख्या भी धीरे-धीरे बढ़ रही है, जो भगवान राम को अपना पूर्वज और नबी मानते हैं. लखनऊ से ऐसे ही मुस्लिम रामभक्तों के एक जत्थे ने 30 जनवरी 2024 को अयोध्या पहुंचकर अपने आराध्य रामलला के दर्शन किए। बता दें कि 25 जनवरी को लखनऊ से निकला सैकड़ों मुस्लिम राम भक्तों का जत्था 135 किलोमीटर का सफर पैदल तय करते हुए राम जन्मभूमि मंदिर में रामलला का दर्शन करने पहुंचा है. हर कोई प्रभु श्री राम के रंग मे रंगा दिखा।

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