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होली पर जुमे की नमाज को लेकर अयोध्या में तय हुई टाईमिंग… मुस्लिम धर्मगुरुओं ने बताया ये होगा नया समय

नेशनल डेस्क : 14 मार्च को पूरे देश में बड़े ही उत्साह के साथ होली का पावन पर्व मनाया जाएगा। सभी देशवासियों को इस दिन का बेसब्री से इंतजार है। वहीं इसी दिन जुमे की नमाज भी अदा की जाएगी। ऐसे में प्रशासन ने दोनों त्योहारों के समय को लेकर सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए मुस्लिम समाज से नमाज के समय में बदलाव की गुजारिश की थी। इस अपील का असर हुआ और अयोध्या के मुस्लिम धर्मगुरुओं ने इस बदलाव को स्वीकार किया है। जिसके बाद मुस्लिम धर्मगुरुओं ने नया समय बताया है। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…

जुमा की नमाज का नया समय

आपको बता दें कि मौलवी मोहम्मद हनीफ, जो मस्जिद सराय की कमेटी के अध्यक्ष हैं, ने होली के मद्देनजर जुमा नमाज का समय बदलने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि अब 14 मार्च को सभी मस्जिदों में जुमा की नमाज दोपहर 2 बजे के बाद अदा की जाएगी। हनीफ ने यह भी बताया कि जुमा नमाज को शाम 4:30 बजे तक पढ़ा जा सकता है, ताकि होली के जश्न और जुमा नमाज के बीच कोई असुविधा न हो।

सांप्रदायिक सौहार्द की भावना

इसके साथ ही हनीफ ने इस बदलाव को सांप्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा देने के प्रयास के रूप में बताया। उन्होंने अपने हिंदू भाइयों को होली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मुस्लिम समाज हमेशा शांति बनाए रखने की कोशिश करता है। उन्होंने यह भी कहा कि जब होली और जुमा एकसाथ होते हैं, तो दोनों त्योहार शांति और सौहार्द के साथ मनाए जाते हैं।

प्रशासन की ओर से सुरक्षा व्यवस्था की तैयारी

अयोध्या के जिला अधिकारी (डीएम) चंद्र विजय सिंह ने शहर में होली के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि होलिका दहन केवल पहले से तय और स्थापित स्थानों पर ही किया जाएगा, ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके। डीएम ने यह भी बताया कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए एक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है।

पुलिस बलों की तैनाती और शांति समिति की बैठक

डीएम चंद्र विजय सिंह ने यह भी कहा कि सभी होलिका दहन स्थलों पर पुलिस बल तैनात किए जाएंगे। इसके अलावा, प्रशासन अलर्ट है, खासकर रमजान के महीने को ध्यान में रखते हुए। शहर और गांवों में शांति बनाए रखने के लिए धार्मिक नेताओं और समुदाय के प्रमुखों के साथ शांति समिति की बैठकें आयोजित की जा रही हैं। होली और जुमा नमाज के समय में बदलाव के साथ-साथ प्रशासन और मुस्लिम समाज के बीच सहयोग की भावना दिखाई देती है। दोनों समुदायों द्वारा शांति और सौहार्दपूर्ण तरीके से त्योहार मनाने का यह उदाहरण निश्चित रूप से समाज में भाईचारे को बढ़ावा देगा।

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