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आने वाले कल की लड़ाई को बीते कल की मानसिकता से नहीं जीत सकते: वायु सेना प्रमुख


नई दिल्ली।
सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी ने शनिवार को कहा कि आने वाले कल के युद्धों को बीते कल की मानसिकता से नहीं लड़ा जा सकता इसलिए वायु सेना के कैडेट अधिकारियों को अलग-अलग क्षेत्रों में कौशल सीखने पर बल देना होगा। एयर चीफ मार्शल ने हैदराबाद के डुंडीगल में वायु सेना अकादमी में सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा करने वाले कैडेट अधिकारियों की दीक्षांत परेड और समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष 2024 को ‘अपस्किलिंग के माध्यम से बदलाव’ का वर्ष घोषित किया गया है और इसे ध्यान में रखते हुए सभी नए कमीशन अधिकारियों को ‘मल्टी-डोमेन लीडर’ बनने के लिए विभिन्न कौशल सीखने चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘आने वाले कल के संघर्षों को बीते कल की मानसिकता से नहीं लड़ा जा सकता।

नए मानक स्थापित करने वाले हमेशा पुराने मानकों पर चलने वालों पर भारी पड़ेंगे।’’ आधुनिक युद्धों के बारे में वायु सेना प्रमुख ने पासिंग आउट कैडेटों को याद दिलाया कि आधुनिक युद्ध गतिशील है और लगातार विकसित हो रहा है, यह जटिल डेटा नेटवर्क और उन्नत साइबर प्रौद्योगिकी से प्रभावित है। उन्होंने कहा, ‘‘ युद्ध में नेतृत्व करने वाले अधिकारी के रूप में, आप सभी को युद्ध जीतने में निर्णायक साबित होने के लिए प्रौद्योगिकी को प्रभावी ढंग से अपनाने, नवाचार करने और उसका लाभ उठाने की जरूरत है।’’ भारतीय वायुसेना के ‘‘वायु सेनाकर्मी पहले, मिशन हमेशा’’ के ध्येय वाक्स पर बोलते हुए उन्होंने नव नियुक्त अधिकारियों से पेशेवर क्षमता, शारीरिक और नैतिक साहस, चरित्र और सहानुभूति के माध्यम से अपने अधीनस्थों का सम्मान अर्जित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि पूरी सेवा में विकसित यह एकजुटता और टीम वर्क शक्ति बढ़ाने वाली साबित होगा।


दीक्षांत समारोह में वायु सेना की उड़ान और ग्राउंड ड्यूटी शाखाओं के 235 फ्लाइट कैडेटों को कमीशन प्रदान किया गया। इनमें 22 महिला अधिकारी भी शामिल हैं जिन्हें वायुसेना की विभिन्न शाखाओं में कमीशन मिला। समारोह में वायुसेना और सहयोगी सेवाओं के कई गणमान्य व्यक्तियों के साथ-साथ कैडेट अधिकारियों के परिवार के सदस्य भी उपस्थित थे। इस अवसर पर नौसेना तथा भारतीय तटरक्षक बल के नौ- नौ अधिकारियों और मित्र देशों के एक अधिकारी को भी उड़ान प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा करने पर ‘¨वग्स’ से सम्मानित किया गया। ग्राउंड ड्यूटी शाखाओं के लिए चार साल पहले राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में शामिल हुए 25 कैडेटों को भी कमीशन दिया गया। इनमें से पांच अधिकारियों को वायु सेना की प्रशासन शाखा में, तीन को लॉजिस्टिक्स शाखा में और 17 को तकनीकी शाखा में कमीशन दिया गया है।


समारोह में एक प्रभावशाली मार्च पास्ट हुआ। परेड के दौरान चार प्रशिक्षक विमानों द्वारा अच्छी तरह से समन्वित और शानदार फ्लाई-पास्ट किया गया, जिसमें पिलाटस पीसी-7 एमके-एलआई, हॉक, किरण और चेतक हेलीकॉप्टर शामिल थे। परेड के समीक्षा अधिकारी ने प्रशिक्षण के विभिन्न विषयों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कैडेट अधिकारियों को विभिन्न पुरस्कार प्रदान किए। उड़ान शाखा के फ्लाइंग ऑफिसर हैप्पी सिंह को पायलट पाठ्यक्रम में योग्यता के समग्र क्रम में प्रथम स्थान पाने के लिए राष्ट्रपति का प्रशस्ति पत्र और वायु सेना प्रमुख की स्वोर्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया। फ्लाइंग ऑफिसर तौफीक रज़ा को ग्राउंड ड्यूटी ऑफिसर्स कोर्स में योग्यता के समग्र क्रम में प्रथम रहने के लिए राष्ट्रपति के प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया।

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