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action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/dainiksaveratimescom/wp-includes/functions.php on line 6114नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने सोमवार को कहा कि भारत ने दुनिया भर के देशों के लिए आवश्यक दवाओं, टीकों और चिकित्सा आपूर्ति तक सस्ती पहुंच सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे का तेजी से विस्तार करते हुए घरेलू तथा वैश्विक दोनों मांगों को पूरा करने के लिए वैक्सीन उत्पादन को बढ़ाया है। नड्डा ने यहां औषधि विनियामक प्राधिकरणों के 19वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि विश्व की प्रगति से अविभाज्य है और इस प्रकार भारत वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा और स्थिरता में योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने देश में सुरक्षित और प्रभावकारी दवाओं और चिकित्सा उपकरणों को मंजूरी देने और दुनिया के 200 से अधिक देशों को निर्यात करने के लिए मजबूत प्रणालियां विकसित की हैं।
सम्मेलन का आयोजन पहली बार भारत में किया जा रहा है, जिसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन के 194 से अधिक सदस्य देशों के विनियामक प्राधिकरण, नीति निर्माता और स्वास्थ्य अधिकारी भाग ले रहे हैं। यह सम्मेलन 18 अक्टूबर तक होगा। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) इसका प्रमुख आयोजक है।
नड्डा ने वैश्विक स्वास्थ्य मानकों को बढ़ाने और सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए साझा प्रतिबद्धता पर जोर दिया। भारत ने अपने स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे का तेजी से विस्तार किया और घरेलू तथा वैश्विक दोनों मांगों को पूरा करने के लिए वैक्सीन उत्पादन को बढ़ाया। दवा आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत बनाने के लिए, दवा उत्पादों के शीर्ष 300 ब्रांडों पर बार कोड या त्वरित प्रतिक्रिया कोड प्रदान करना अनिवार्य कर दिया गया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ‘‘वसुधैव कुटुम्बकम’’ के सिद्धांत से प्रेरित होकर भारत ने कोविड महामारी के दौरान जीवन रक्षक दवाएं और टीके प्रदान करते हुए 150 से अधिक देशों को सहयोग दिया।
अंतर्राष्ट्रीय एकजुटता की यह भावना वैश्विक स्वास्थ्य के प्रति भारत के दृष्टिकोण के केंद्र में है। उन्होंने कहा कि सस्ती कीमत पर गुणवत्तापूर्ण दवा की उपलब्धता इसका मुख्य लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि आठ दवा परीक्षण प्रयोगशालाएँ चालू हैं जबकि दो निर्माणाधीन हैं। आयात की जा रही दवाओं और कच्चे माल की त्वरित जांच के लिए विभिन्न बंदरगाहों पर आठ लघु परीक्षण प्रयोगशालाएं चालू हैं। इसके अलावा, 38 राज्य औषधि नियामक की परीक्षण प्रयोगशाला हैं। कुल मिलाकर, नियामक निगरानी तंत्र में प्रतिवर्ष एक लाख से अधिक नमूनों का परीक्षण किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवा वितरण में चिकित्सा उपकरणों के महत्व को देखते हुए, भारत में चिकित्सा उपकरण उद्योग को भी विनियमित किया जा रहा है। अच्छे विनिर्माण अभ्यास दिशानिर्देशों को अधिक व्यापक और दिशानिर्देशों के अनुरूप बनाने के लिए औषधि नियमों में संशोधन किया गया है।