नगांव (असम)। असम में श्री श्री शंकर देव सत्र मंदिर में जाने की अनुमति नहीं मिलने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि क्या प्रधानमंत्री मोदी तय करेंगे कि मंदिर में कौन जाएगा। हैबरगांव में अधिकारियों ने राहुल गांधी को बोरदुआ में श्री श्री शंकर देव सत्र मंदिर में जाने की अनुमति नहीं दी। इसके बाद पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सहित कई पार्टी नेताओं ने धरना दिया। राहुल गांधी को अन्य कांग्रेस नेताओं के साथ हैबरगांव में रोक दिया गया और आगे बढऩे की अनुमति नहीं दी गई। कांग्रेस के पूर्व प्रमुख सोमवार को अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्र शुरू करने से पहले स्थानीय देवता की पूजा करना चाहते थे। अधिकारियों ने गांधी को मंदिर में जाने की अनुमति नहीं दी, जिसके विरोध में कांग्रेस की महिला नेताओं ने धरना दिया। बाद में गांधी भी उनके साथ धरने में शामिल हो गए। अधिकारियों ने बताया कि गांधी को अपराह्न् तीन बजे मंदिर में जाने की अनुमति दी जाएगी।
गांधी ने पुलिस से सवाल किया कि उन्हें मंदिर में जाने से क्यों रोका जा रहा है। गांधी ने कहा, ‘‘क्या प्रधानमंत्री (नरेन्द्र) मोदी अब तय करेंगे कि कौन मंदिर जाएगा और कब जाएगा।’’ श्री श्री शंकर देव सत्र मंदिर के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है और पुलिस बल की भारी तैनाती है। सड़कों पर भी नाकेबंदी कर दी गई है। स्थानीय सांसद तथा विधायक के अलावा किसी भी कांग्रेस नेता को मंदिर स्थल से करीब 20 किलोमीटर दूर हैबरगांव से आगे जाने की अनुमति नहीं दी गई। मीडिया दल को भी हैबरगांव से आगे जाने की इजाजत नहीं दी गई। कांग्रेस सेवा दल के प्रमुख लालजी देसाई ने कहा कि यह ‘‘शर्मनाक’’ है कि प्रधानमंत्री और असम के मुख्यमंत्री उन्हें मंदिर में प्रार्थना करने की अनुमति नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ यह अत्याचार है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रधानमंत्री तय करेंगे कि देश में कौन किस समय प्रार्थना करेगा।’’ देसाई ने दावा किया, ‘‘जब तक प्रधानमंत्री (अयोध्या में) पूजा नहीं करते, तब तक किसी को भी कहीं भी प्रार्थना करने की अनुमति नहीं है। यहां कोई लोकतंत्र नहीं है। अब सरकार तय करेगी कि लोग मंदिरों में कब प्रार्थना करेंगे।’’