Jharkhand News : भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायकों ने विधवाओं और दिव्यांग व्यक्तियों की पेंशन बढ़ाने की मांग को लेकर बृहस्पतिवार को झारखंड विधानसभा में हंगामा किया। भाजपा के विधायकों ने पेंशन में बढ़ोतरी की मांग की ताकि इन लोगों को माईयां सम्मान योजना के लाभार्थियों के बराबर वित्तीय सहायता मिल सके। भाजपा विधायक अपनी मांग पर झामुमो नीत सरकार से जवाब मांगते हुए आसन के सामने आ गए और बाद में सदन से बहिर्गमन कर गए। उन्होंने सरकार से पूछा कि क्या उसका इरादा विधवाओं, दिव्यांग व्यक्तियों और बुजुर्गों की पेंशन राशि को माईयां सम्मान योजना के लाभार्थियों के बराबर करने का है या नहीं? इस योजना के तहत सरकार 18 से 50 वर्ष आयु वर्ग की महिला लाभार्थियों को 2,500 रुपये प्रति माह प्रदान करती है। सरकार ने सदस्यों को आश्वासन दिया कि वह उनकी मांग पर विचार करेगी।
‘माईयां सम्मान’ और पेंशन दो अलग-अलग कार्यक्रम : चमरा लिंडा
प्रश्नकाल के दौरान सबसे पहले भाजपा विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी ने यह मुद्दा उठाया। इसका जवाब देते हुए अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने कहा कि ‘माईयां सम्मान’ और पेंशन दो अलग-अलग कार्यक्रम हैं। लिंडा ने कहा, माईयां सम्मान सरकार का महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम है, जबकि पेंशन योजना केंद्र-राज्य साझा व्यवस्था के तहत चलती है। पेंशन राशि बढ़ाने में जटिलताएं हैं। अगर केंद्र अपना हिस्सा बढ़ाता है, तो हम भी अपना हिस्सा बढ़ाएंगे। तिवारी ने कहा कि झारखंड में विधवाओं की आबादी करीब 2.85 लाख है, जबकि दिव्यांग व्यक्तियों की संख्या करीब 72,000 है।
दिव्यांगों को माईयां सम्मान योजना लाभार्थियों से कम पैसे मिलते : कांग्रेस
तिवारी ने कहा, उन्हें (दिव्यांगों को) केवल 1,000 रुपये प्रति माह मिलते हैं, जबकि माईयां सम्मान योजना के लाभार्थियों को मासिक 2,500 रुपये मिलते हैं। दिलचस्प बात यह है कि स्कूलों में रसोइयों और स्वास्थ्य सहियाओं (सहायक) को 2,000 रुपये मासिक पारिश्रमिक मिलता है, जो माईयां सम्मान योजना के लाभ से कम है। कांग्रेस विधायक रामेश्वर उरांव ने भी सरकार से कथित असमानता को दूर करने का आग्रह किया। राज्य मंत्री सुदिव्य कुमार ने कहा कि सरकार जल्द ही रसोइयों और स्वास्थ्य सहियाओं का पारिश्रमिक बढ़ाकर 3,000 रुपये करेगी।