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पंजाब में बरकरार रहेगा अकाली दल और BSP का गठबंधन, पार्टी प्रमुख मायावती ने कहा-पंजाब में मिलकर लड़ेंगे लोकसभा चुनाव

पंजाब में अकाली दल के साथ गठबंधन का विरोध कर रहे बहुजन समाज पार्टी (BSP) के नेताओं को करारा झटका लगा है। यह झटका उन्हें बसपा की सुप्रीमो ने दिया है। बसपा प्रमुख मायावती से ने साफ कर दिया है कि पंजाब में उनका शिरोमणि अकाली दल (SAD) के साथ गठबंधन बरकरार रहेगा।
पार्टी के पंजाब प्रधान जसवीर सिंह गढ़ी के साथ दिल्ली में हुई मीटिंग में मायावती ने कहा कि पंजाब के अलावा उनकी पार्टी किसी अन्य राज्य में किसी के साथ गठबंधन नहीं करेगी। सिर्फ पंजाब में पार्टी अकाली दल के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने पार्टी के पंजाब प्रधान को बूथ स्तर पर कमेटियां गठित करने के भी आदेश दिए हैं।

विरोध जताने का कोई फायदा नहीं हुआ

बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमों ने पंजाब राज्य इकाई के साथ मीटिंग कर पहले सारा जायजा लिया। इसके बाद उन्होंने गठबंधन का का फैसला सुनाया। हालांकि पिछले दिनों पार्टी के प्रधान जसवीर सिंह गढ़ी ने खुद ही इस गठबंधन का विरोध किया था और कहा था कि बहुत सारे घरों का मेहमान भूखा ही रहता है।
पार्टी के सूत्रों के अनुसार पंजाब प्रधान ने गठबंधन को लेकर मीटिंग में भी विरोध किया और पक्ष रखा कि शिरोमणि अकाली दल उन्हें को-ऑपरेट नहीं कर रहा है। लेकिन मायावती ने अन्य नेताओं से भी फीडबैक ली। इसके बाद गठबंधन बरकरार रखने का फैसला लिया।

शीघ्र होगी सीटों को लेकर मीटिंग

लोकसभा चुनाव के दौरान बहुजन समाज पार्टी और शिरोमणि अकाली दल के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर कहा कि वह अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल से भी शीघ्र बैठक करेंगी। पंजाब की राज्य इकाई ने इस दौरान पार्टी के सुप्रीमों के आगे अपनी मांग रखी कि जालंधर और होशियारपुर सीट जो कि SC रिजर्व हैं यह बसपा के खाते में डाली जाएं। बसपा के उम्मीदवारों को इन दोनों सीटों पर चुनाव में उतारा जाए।

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