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केंद्र ने 2024-25 में हथकरघा श्रमिकों की योजनाओं के लिए 364 करोड़ रुपये किए वितरित

Centre disburses Rs 364 crore

Centre disburses Rs 364 crore

नेशनल डेस्क : केंद्र ने देश में हथकरघा श्रमिकों को लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं के लिए चालू वित्त वर्ष के दौरान 364 करोड़ रुपये से अधिक जारी किए हैं। यह जानकारी सोमवार को संसद को दी गई। कपड़ा राज्य मंत्री, पाबित्र मार्गेरिटा ने राज्यसभा में एक लिखित बयान में कहा, ‘राष्ट्रीय हथकरघा विकास कार्यक्रम के लिए 192.06 करोड़ रुपये जारी किए गए, हथकरघा श्रमिकों के लिए कच्चा माल आपूर्ति योजना के तहत 171.98 करोड़ रुपये वितरित किए गए।’

उन्होंने आगे कहा कि कपड़ा मंत्रालय देश भर में हथकरघा बुनकरों/श्रमिकों के कल्याण के लिए राष्ट्रीय हथकरघा विकास कार्यक्रम (एनएचडीपी) के तहत कई अन्य योजनाओं को लागू कर रहा है। इनमें 60 वर्ष से अधिक आयु के पुरस्कार प्राप्त हथकरघा श्रमिकों को 8,000 रुपये प्रतिमाह की वित्तीय सहायता, गरीबी में रहने वाले और 1 लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले श्रमिकों को वित्तीय सहायता, हथकरघा श्रमिकों के बच्चों (दो बच्चों तक) को केंद्र और राज्य सरकार द्वारा फंडेड वस्त्र संस्थानों में डिप्लोमा, स्नातक तथा स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में अध्ययन के लिए 2 लाख रुपये प्रति वर्ष तक की छात्रवृत्ति शामिल है।

जरूरत के आधार पर वित्तीय सहायता प्रदान

कपड़ा राज्य मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) जैसी बीमा योजनाओं के जरिए प्राकृतिक या आकस्मिक मृत्यु और पूर्ण या आंशिक दिव्यांगता की स्थिति में यूनिवर्सल और किफायती सामाजिक सुरक्षा भी प्रदान की जा रही है।

एक दूसरे सवाल के जवाब में पाबित्र मार्गेरिटा ने कहा कि वस्त्र मंत्रालय के तहत विकास आयुक्त (हथकरघा) कार्यालय दो योजनाएं – राष्ट्रीय हस्तशिल्प विकास कार्यक्रम (एनएचडीपी) और व्यापक हस्तशिल्प क्लस्टर विकास योजना (सीएचसीडीएस) क्रियान्वित करता है। इन योजनाओं के तहत, मार्केटिंग कार्यक्रमों, कौशल विकास, क्लस्टर विकास, उत्पादक कंपनियों के गठन, कारीगरों को प्रत्यक्ष लाभ, इंफ्रास्ट्रर और टेक्नोलॉजी सपोर्ट, रिसर्च और डेवलपमेंट सपोर्ट, डिजिटलीकरण, ब्रांडिंग के जरिए कारीगरों को उनकी जरूरत के आधार पर वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने हथकरघा क्षेत्र के लिए इंडी हाट पहल शुरू की है जो आत्मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल अभियानों के उद्देश्य से जुड़ी है। भारत के सबसे बड़े कपड़ा व्यापार मेले भारत टेक्स के लिए इंडी हाट कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, ताकि इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले सौ से अधिक देशों के विजिटर्स और प्रदर्शकों को भारतीय हस्तशिल्प और हथकरघा का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया जा सके।

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