झारखंड में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई के बाद सारी व्यवस्था बदल गई है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद नए मुख्यमंत्री चंपई सोरेन बनने जा रहे हैं। बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) साढ़े 7 घंटे पूछताछ के बाद सवालों के सही जवाब न मिलेने पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारी हेमंत सोरेन को रात को राजभवन में लेकर पहुंचे जहां पर उन्होंने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया। जबकि इससे पहले ही हेमंत सोरेन झारखंड में किसे मुख्यमंत्री बनाना है इसकी बिसात बिछा चुके थे।
चंपई सोरेन ने पेश किया दावा
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पहले ही पता था कि उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारी जमीन घोटाले में गिरफ्तार कर सकते हैं। इसलिए उन्होंने पार्टी के विधायकों की पूछताछ से पहले ही बैठक कर ली थी और अपनी पत्नी कल्पना और चंपई सोरेन के नाम पर विधायकों की दो अलग-अलग कागजों पर हस्ताक्षर करवा कर सहमति ले ली थी।
हेमंत सोरेन के गिरफ्तारी के बाद राजभवन में जाकर इस्तीफा देने के साथ ही उसी वक्त बैठक में तय हुए चंपई सोरेन ने अपनी सरकार बनाने के लिए राज्यपाल के समक्ष अपना दावा पेश कर दिया। फा देते ही साथ ही गए चंपई सो उन्होंने इस्तीफे के साथ ही चंपई ने नई सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया।
सरकार बनाने के लिए 41 चाहिए 48 का साथ
झारखंड 81 विधानसभा सदस्य हैं। यहां पर सरकार बनाने के लिए 41 सदस्यों का बहुमत चाहिए। लेकिन चंपई सोरेन ने जो पत्र राज्यपाल को सौंप कर सरकार बनाने का दावा पेश किया है उसमें 48 विधायकों के हस्ताक्षर हैं। इतना ही नहीं चंपई सोरेन के साथ 43 विधायक उनके साथ राजभवन में गए थे।