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GST की दरों को तर्कसंगत बनाने पर सरकार का फोकस, टैक्स में होगी कटौती : Finance Minister

नई दिल्ली : केंद्रीय Finance Minister Nirmala Sitharaman ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरें कम की जाएंगी क्योंकि टैक्स स्लैब को तर्कसंगत बनाने की प्रक्रिया लगभग पूरी होने वाली है। वित्त मंत्री ने आगे कहा कि 2017 में जीएसटी लागू करने के समय रेवेन्यू न्यूट्रल रेट (आरएनआर) 15.8 प्रतिशत था, जो.

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नई दिल्ली : केंद्रीय Finance Minister Nirmala Sitharaman ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरें कम की जाएंगी क्योंकि टैक्स स्लैब को तर्कसंगत बनाने की प्रक्रिया लगभग पूरी होने वाली है। वित्त मंत्री ने आगे कहा कि 2017 में जीएसटी लागू करने के समय रेवेन्यू न्यूट्रल रेट (आरएनआर) 15.8 प्रतिशत था, जो कि 2023 में कम होकर 11.4 प्रतिशत पर आ गया है।

आगे इसमें और कमी आने की संभावना है। राष्ट्रीय राजधानी में एक मीडिया कार्यक्रम में बोलते हुए, वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि जीएसटी स्लैब को सरल बनाने का काम लगभग पूरा हो चुका है। उम्मीद है कि जीएसटी परिषद, जिसमें राज्य के वित्त मंत्री शामिल हैं, जल्द ही अंतिम निर्णय लेगी।

कमेटी में छह राज्यों के वित्त मंत्री शामिल

जीएसटी परिषद का नेतृत्व केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा किया जाता है। वित्त मंत्री ने कहा कि इसे लेकर मंत्रियों के समूहों (जीओएम) द्वारा कार्य किया गया है और मैं इन कार्यों की समीक्षा करूंगी और फिर इसे जीएसटी परिषद के पास ले जाऊंगी, जिससे हम इस पर अंतिम निष्कर्ष पर पहुंच सकें। जीएसटी की दरों और स्लैब में बदलाव के लिए सितंबर 2021 में जीओएम की स्थापना की गई थी।

इस कमेटी में छह राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हैं, जो कि टैक्स सिस्टम को अधिक कुशल बनाने को लेकर काम कर रहे हैं। जीओएम द्वारा जीएसटी स्लैब की संख्या कम करने, दरों को सुव्यवस्थित करने और विभिन्न उद्योगों द्वारा उठाई गई प्रमुख चिंताओं का समाधान पर काम किया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगली जीएसटी परिषद की बैठक में प्रस्ताव पेश करने से पहले अंतिम समीक्षा की जा रही है।

लाभकारी समझौते की दिशा में काम

वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, ‘हम इसे अगली परिषद (बैठक) में ले जाएंगे। हम कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दों, दरों में कटौती, तर्कसंगतता, स्लैब की संख्या पर विचार आदि पर अंतिम निर्णय लेने के बहुत करीब हैं।’ शेयर बाजार में आ रहे उतार-चढ़ाव पर सवाल पूछने पर वित्त मंत्री ने कहा कि यह वैश्विक अस्थिरता के कारण है, जो कि युद्ध, लाल सागर में व्यावधान के कारण पैदा हुई है।

वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि इन अस्थिर वैश्विक कारकों के कारण बाजारों में पूर्ण स्थिरता की भविष्यवाणी करना कठिन है। भारत-अमेरिका व्यापार समझौते के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि दोनों देश परस्पर लाभकारी समझौते की दिशा में काम कर रहे हैं। वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि भारत यूरोपीय संघ और यूनाइटेड किंगडम के साथ बातचीत में सक्रिय रूप से शामिल है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि राष्ट्रीय हित प्राथमिकता बने रहें।

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