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MGNREGA श्रमिकों के लिए खुशखबरी! काम कम करने पर उतना ही मिलेगा मेहनताना…

MNREGA Scheme

नेशनल डेस्क : झारखंड के MGNREGA श्रमिकों के लिए राहतभरी खबर है। अब उन्हें पहले की तुलना में डेढ़ गुना कम काम करने पर भी उतना ही मेहनताना मिलेगा, जितना पहले मिलता था। नई गणना के अनुसार, पहले जहां 73 घन फीट मिट्टी कटाई पर एक दिन की हाजिरी मिलती थी, अब यह आंकड़ा 50.4 घन फीट कर दिया गया है। महिलाओं और दिव्यांगों के लिए यह आंकड़ा और भी कम तय किया गया है, जिससे उनकी मेहनत भी कम हो जाएगी।

डेढ़ गुना अधिक भुगतान

झारखंड में इसके माध्यम से यह निर्धारित हो चुका है कि अब एक दिन की हाजिरी के लिए मजूदरों को 50.4 सीएफटी मिट्टी काटना होगा। जाहिर बात है कि मेहनत कम करना होगा। आंकड़ों की तुलना करें तो पहले से 45 प्रतिशत कम मेहनत पर ही एक दिन की हाजिरी निकल जाएगी।
इस प्रकार मजदूरों के पूर्व की तुलना में डेढ़ गुना अधिक तक भुगतान होने की संभावना बन गई है। हेमंत सोरेन सरकार लगातार इसके लिए केंद्र से संपर्क में थी और इन्हीं प्रयासों के आधार पर यह सफलता मिली है। टाइम एंड मोशन स्टडी (TMS) के आधार पर यह नया नियम लागू किया गया है, जिससे 45% कम मेहनत करने पर भी मजदूरों को पूरी मजदूरी मिलेगी। झारखंड सरकार के निरंतर प्रयासों के बाद ग्रामीण विकास मंत्रालय ने इस पर सहमति जताई है।

क्या है मनरेगा योजना

ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को गति देने और लोगों को घर द्वार पर आजीविका की सुविधा देने के लिए भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से पात्र परिवारों को जॉब कार्ड प्रदान करने के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा योजना) शुरू की गई है। इस योजना के तहत सरकार जॉब कार्ड धारकों को 100 दिनों के रोजगार की गारंटी देती है। ग्रामीणों को काम के अवसर उनके निवास के 5 किलोमीटर के दायरे में उपलब्ध कराए जाते हैं, जिसमें मनरेगा के तहत सभी जॉब कार्ड धारक होने वाले कार्य में काम करने के लिए आवेदन कर सकता है। इस काम के लिए दैनिक वेतन निर्धारित किया जाता है और सीधे उनके बैंक खाते में भुगतान किया जाता है। दैनिक मजदूरी राज्य के हिसाब से अलग हो सकते हैं।

MGNREGA से फायदा

– मनरेगा योजना के तहत हर परिवार को एक वित्तीय वर्ष में 100 दिनों के वेतन रोजगार की गारंटी मिलती है।
– गरीबी को कम करने और उनके जीवन स्तर में सुधार करने में मदद मिलती है।
– ग्रामीण बुनियादी ढांचे को विकसित करने में मदद करता है।
– 5 किलोमीटर के दायरे में ही श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध।
– दैनिक वेतन निर्धारित।
– सीधे श्रमिकों के बैंक खाते में भुगतान।

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