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domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init
action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/dainiksaveratimescom/wp-includes/functions.php on line 6114चंडीगढ़। पंजाब में मालवा क्षेत्र को हमेशा सबसे बड़ा और राजनीतिक रूप से प्रभावशाली क्षेत्र माना जाता है, जहां खासकर विधानसभा चुनावों के दौरान अगर कोई पार्टी अधिकतम विधानसभा सीटें हासिल कर लेती है, तो वह राज्य में आसानी से सरकार बना सकती है। पंजाब को प्रमुख तौर पर तीन क्षेत्रों मालवा, माझा और दोआबा में विभाजित किया जा सकता है। सतलुज नदी के दक्षिण वाले क्षेत्र को मालवा क्षेत्र कहा जाता है, दोआबा क्षेत्र ब्यास और सतुलज नदियों के बीच पड़ता है, जबकि माझा रावी और ब्यास नदियों के बीच पड़ता है। मालवा क्षेत्र में लोकसभा की आठ सीटें आती हैं, जिनमें लुधियाना, बठिंडा, फिरोजपुर, फरीदकोट (एससी), फतेहगढ़ साहिब (एससी), पटियाला, आनंदपुर साहिब और संगरूर संसदीय क्षेत्र शामिल हैं।
दो सीटें दोआबा क्षेत्र में आती हैं, जिनमें होशियारपुर (एससी) और जालंधर (एससी) संसदीय क्षेत्र शामिल हैं। माझा क्षेत्र में तीन संसदीय सीटें गुरदासपुर, अमृतसर और खडूर साहिब शामिल हैं। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने पंजाब में आठ लोकसभा सीटें जीतीं थी। कांग्रेस ने मालवा क्षेत्र से लुधियाना, आनंदपुर साहिब, पटियाला, फतेहगढ़ साहिब और फरीदकोट, माझा क्षेत्र में अमृतसर और खडूर साहिब लोकसभा सीटें जीती थी, जबकि दोआबा क्षेत्र में आने वाली जालंधर लोकसभा सीट पर भी कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। हालांकि, 2023 के उपचुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) ने जालंधर सीट पर कांग्रेस को हराकर इस सीट को अपने कब्जे में ले लिया था।
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने मालवा क्षेत्र में आने वाली बठिंडा और फिरोजपुर लोकसभा सीट पर जीत हासिल की थी। आप मालवा क्षेत्र में आने वाली संगरूर सीट जीतने में कामयाब रही। भाजपा ने दोआबा क्षेत्र की होशियारपुर और माझा क्षेत्र की गुरदासपुर लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की थी। हालांकि, 2022 के उपचुनाव में शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) ने संगरूर लोकसभा सीट जीती, जबकि आप ने 2023 के उपचुनाव में जालंधर सीट जीत ली। राज्य की कुल 117 विधानसभा सीटों में से मालवा क्षेत्र में 69 सीटें आती हैं। पंजाब की राजनीति पर इस क्षेत्र के प्रभाव का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रकाश सिंह बादल, अमरिंदर सिंह, राजिंदर कौर भट्टल, बेअंत सिंह, भगवंत मान जैसे कई नेता जो राज्य के मुख्यमंत्री बने, वे इसी क्षेत्र से ही आते हैं। मालवा क्षेत्र अब निरस्त किये जा चुके तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ 2020-21 में किसानों के आंदोलन का केंद्र था।
वर्ष 2022 के विधानसभा चुनावों में आप ने इस क्षेत्र की 69 विधानसभा सीटों में से 66 विधानसभा सीट जीती थीं। माझा क्षेत्र भी राजनीति की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इस क्षेत्र में ही अमृतसर में स्थित स्वर्ण मंदिर आता है। दोआबा क्षेत्र में अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय की एक बड़ी आबादी है। पंजाब की आबादी में एससी समुदाय की हिस्सेदारी करीब 32 फीसदी है जो देश में सबसे ज्यादा है। पंजाब में सबसे ज्यादा अनिवासी भारतीय (एनआरआई) भी इसी क्षेत्र से हैं।