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Manoj Sinha, Rahul Gandhi समेत तमाम नेताओं ने विजय दिवस पर सैनिकों को दी श्रद्धांजलि

Rahul Gandhi Wrote Letter

Rahul Gandhi Wrote Letter

जम्मू : जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा समेत तमाम नेताओं ने विजय दिवस के अवसर पर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी है। उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से किए गए एक्स पोस्ट में लिखा गया है, ‘विजय दिवस पर, मैं 1971 के युद्ध में निर्णायक जीत के लिए हमारे सशस्त्र बलों के बहादुर योद्धाओं को सलाम करता हूं। उनकी नि:स्वार्थता, बलिदान और वीरता पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। राष्ट्र के प्रति उनकी अटूट भावना और प्रतिबद्धता को हार्दकि श्रद्धांजलि। कांग्रेस सांसद Rahul Gandhi ने एक्स पोस्ट पर लिखा, ‘विजय दिवस के गौरवशाली अवसर पर हमारे सशस्त्र बलों के शौर्य, समर्पण और संकल्प को नमन करता हूं। भारत की संप्रभुता की रक्षा करते हुए बांग्लादेश को अन्याय से मुक्त करवाने वाले, 1971 के युद्ध के सभी वीरों के अदम्य साहस और सर्वोच्च बलिदान को देश सदा याद रखेगा।’ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक्स पोस्ट पर लिखा, ‘आज ही के दिन 1971 में दुनिया का भूगोल बदल गया था, जब हमारी वीर भारतीय सैन्य शक्ति ने पाकिस्तान को पराजित किया और बांग्लादेश को आजाद कराया। इंदिरा गांधी के कुशल, दूरदर्शी और निर्णायक नेतृत्व में यह मानवता के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर था। हम अपनी सशस्त्र सेनाओं और मुक्ति बाहिनी के अदम्य साहस, शौर्य और पराक्रम को कोटि-कोटि नमन करते हैं। भारत माता के वीर सपूतों के बलिदान और समर्पण को कृतज्ञ राष्ट्र कभी भुला नहीं पाएगा।’

पाकिस्तान के दो टुकड़े हुए और बांग्लादेश अस्तित्व में आया
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने एक्स पोस्ट पर लिखा, ‘आज ही के दिन हमारी जांबाज और पराक्रमी सेना ने 1971 में पाकिस्तानी सेना को आत्मसमर्पण कराकर इतिहास रचा था। यह हम पर थोपे गए एक युद्ध का मुंहतोड़ जवाब था। इस ऐतिहासिक विजय ने न सिर्फ भारत की अखंडता को मजबूत किया, बल्कि पाकिस्तान के दो टुकड़े हुए और बांग्लादेश अस्तित्व में आया। इंदिरा गांधी के बहादुर और कुशल नेतृत्व एवं हमारी सेना के शौर्य व युद्ध कौशल के चलते यह संभव हुआ। भारत की विजय के लिए बलिदान देने वाले शहीदों, ऑपरेशन में शामिल सभी बहादुर सैनिकों को और इंदिरा गांधी के अपार साहस को नमन।’ विजय दिवस हर साल 16 दिसंबर को 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत की याद में मनाया जाता है। इस युद्ध के परिणामस्वरूप बांग्लादेश को भी आजादी मिली। यह दिन भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन है और देश सशस्त्र बलों की बहादुरी और बलिदान को श्रद्धांजलि देता है।

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