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गोमांस न खाने से मुसलमानों पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा : मुस्लिम धर्मगुरु

गोमांस

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बरेली : ऑल इंडिया मुस्लिम जमात ने असम सरकार द्वारा राज्य में गोमांस खाने पर पाबंदी लगाये जाने की आलोचना करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि इस्लाम में गोमांस खाना अनिवार्य नहीं है लिहाजा ‘मुस्लिम विरोधी सोच’ रखने वाले असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा के इस आदेश से मुसलमानों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने असम में सरकार द्वारा गोमांस खाने पर पाबंदी लगाये जाने को लेकर एक बयान में कहा, इस्लाम में गोमांस खाना कोई अनिवार्यता नहीं है। लोग अपनी पसंद के हिसाब से खाते-पीते हैं। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा को लगता है कि मुसलमान गोमांस खाये बिना नहीं रह सकता। सच्चाई यह है कि उनके गोमांस पर पाबंदी लगाने से मुसलमानों पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। मौलवी ने असम के मुसलमानों से प्रतिबंध का पालन करने का आग्रह करते हुए कहा, मैं असम के मुसलमानों से गोमांस खाए बिना जीने का आह्वान करता हूं। जीवन और मृत्यु अल्लाह के हाथ में है।

पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए कानून को और सख्त बनाने का फैसला
उन्होंने असम के मुख्यमंत्री की आलोचना करते हुए कहा, हिमंत विश्व शर्मा हमेशा मुसलमानों के खिलाफ बोलते हैं। उनकी सोच मुस्लिम विरोधी है। असम सरकार ने बुधवार को राज्य के रेस्तरां, होटलों और सार्वजनिक स्थानों पर गोमांस परोसने और खाने पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया था।
शर्मा ने दिल्ली में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि गोमांस खाने पर मौजूदा कानून सख्त है लेकिन रेस्तरां, होटल और धार्मिक या सामाजिक समारोहों में गोमांस खाने पर अभी तक कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया था।
उन्होंने कहा, अब हमने असम में सार्वजनिक स्थानों पर भी गोमांस खाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए कानून को और सख्त बनाने का फैसला किया है।

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