rocket
domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init
action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/dainiksaveratimescom/wp-includes/functions.php on line 6114नई दिल्ली। पंजाब में आम आदमी पार्टी के एकमात्र लोकसभा सदस्य सुशील कुमार रिंकू के भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल होने के एक दिन बाद वरिष्ठ आप नेता सौरभ भारद्वाज ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि राज्य में ‘ऑपरेशन लोटस’ शुरू हो गया है। विपक्षी दल जब भाजपा पर राज्यों की सरकारों को गिराने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाते हैं तो इसे ‘ऑपरेशन लोटस’ करार देते हैं।
भारद्वाज ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पंजाब में आप विधायकों ने बुधवार को कहा था कि उनमें से कई को फोन आ रहे हैं और भाजपा में शामिल होने के लिए पैसा, ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा तथा लोकसभा चुनाव में टिकट देने की पेशकश की जा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा ‘ऑपरेशन लोटस’ चला रही है।’’ भारद्वाज ने रिंकू के भाजपा में जाने के फैसले पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा, ‘‘पंजाब विधानसभा चुनाव (2022) में भाजपा का नंबर आप, शिरोमणि अकाली दल और कांग्रेस के बाद चौथा रहा था। सवाल यह है कि रिंकू भाजपा में क्यों शामिल हुए? लोकसभा सांसद के रूप में उनका कार्यकाल भी समाप्त हो गया है।
जालंधर लोकसभा चुनाव में भी भाजपा चौथे स्थान पर रहेगी।’’ रिंकू पिछले साल कांग्रेस छोड़कर आप में शामिल हुए थे और जालंधर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीते थे। प्रतिबंधित संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू के इन कथित दावों पर कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 2014 में न्यूयॉर्क में संगठन के प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी, भारद्वाज ने कहा कि यह शर्मनाक है कि भाजपा और उसके ‘ट्रोल’ एक आतंकवादी के आरोपों को पूर्ण सत्य मान रहे हैं।
आप नेता ने कहा, ‘‘यह दिखाता है कि भाजपा राष्ट्र-विरोधी है।’’ उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र अमेरिका और जर्मनी की सरकारों द्वारा भारत में लोकतंत्र पर चिंता व्यक्त करने और केजरीवाल के लिए निष्पक्ष सुनवाई की मांग करने से परेशान है। केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद अमेरिका और जर्मनी की सरकारों के बयान के बाद केंद्र सरकार ने दोनों देशों के राजनयिकों को तलब किया था।