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‘नल से जल’ पर हुई क्विज प्रतियोगिता, 10229 युवाओं को किया गया सम्मानित

Quiz competition

Quiz competition

लखनऊ : योगी सरकार के नेतृत्व में लगे महाकुम्भ में नमामि गंगे व ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के ‘स्वच्छ सुजल गांव’ में पहुंचे आगंतुक स्वागत से अभिभूत हुए। गांव में आए 30 लाख लोगों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ‘बदले यूपी की विकास गाथा’ भी देखी। इस दौरान ‘नल से जल’ पर हुई Quiz competition में 10229 युवाओं को सम्मानित भी किया गया। 3.60 लाख से अधिक लोगों ने डिजिटली ‘जल जीवन मिशन द वाटर रन’ गेम्स भी खेला। योगी सरकार ने अतिथि देवो भवः की परंपरा का निर्वहन करते हुए 25 लाख अतिथियों को उपहार स्वरूप ‘जल प्रसाद’ भी दिया।

30 लाख से अधिक आगंतुक आए ‘स्वच्छ सुजल गांव’

योगी सरकार के नेतृत्व में नमामि गंगे व ग्रामीण जलापूर्ति विभाग ने महाकुम्भ-2025 में ‘स्वच्छ सुजल गांव’ बसाया था। इसमें देश-दुनिया के 30 लाख से अधिक आगंतुक पहुंचे, जिन्होंने योगी सरकार के नेतृत्व में 2017 के बाद आए बदलाव के बाद यूपी के समृद्ध गांवों की कहानी भी देखी। गांव में प्रतिदिन शाम को गंगा जल आरती में शामिल होकर लोगों ने यूपी की आध्यात्मिक वैभव का भी दीदार किया।

40 हजार स्क्वायर फिट में बसा था गांव

पीएम मोदी के मार्गदर्शन व सीएम योगी के नेतृत्व में जल जीवन मिशन के जरिए बुंदेलखंड के गांव-गांव में ‘हर घर जल’ पहुंचाने की नई तस्वीर से भी आगंतुक रूबरू हुए। उन्होंने यहां 2017 से पहले बदहाल और इसके बाद बदले बुंदेलखंड के बदलाव की गाथा का भी दीदार किया। देश-दुनिया से आए श्रद्धालुओं ने 40 हजार स्क्वायर फिट में बसे गांव में पीएम आवास, सीएम आवास, ग्राम पंचायत, सोलर एनर्जी के जरिये समृद्ध उत्तर प्रदेश की नई कहानी भी देखी। इस गाथा ने ‘बदले यूपी’ की पहचान से हर आगंतुक को अवगत भी कराया।

‘पेयजल का समाधान, मेरे गांव की नई पहचान’ थीम पर बसा था गांव

योगी सरकार के नेतृत्व में ग्रामीण जलापूर्ति व नमामि गंगे विभाग ने महाकुम्भ-2025 में 40 हजार स्क्वायर फिट में ‘स्वच्छ सुजल गांव’ बसाया था। इसकी थीम ‘पेयजल का समाधान, मेरे गांव की नई पहचान’ थी। पीएम मोदी के मार्गदर्शन व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बुंदेलखंड में पेयजल की समस्या का समाधान हो गया है। गांव में बुंदेलखंड की ग्रामीण महिलाओं ने सांस्कृतिक मंच के जरिए जीवन और जीवनशैली में बदलाव की कहानी भी बयां की। बांदा, झांसी, चित्रकूट के कई गांवों में पानी न होने से शादी नहीं हो पाती थी, वहीं ललितपुर व महोबा के कुछ गांवों की महिलाओं के सिर के बाल भी पानी ढोने के कारण गायब हो गए थे। इन्होंने भी शुद्ध पानी से जीवन में आए बदलाव की कहानी आगंतुकों के समक्ष रखीं।

‘अतिथि देवो भवः’ की परंपरा का भी निर्वहन कर रहा है विभाग

‘अतिथि देवो भवः’ भारत की परंपरा के अनुसार स्वच्छ सुजल गांव में आने वाले अतिथियों का सम्मान भी किया गया। 25 लाख से अधिक आगंतुकों को जूट-कपड़े के बैग में ‘जल प्रसाद’ भी दिया गया। इसमें संगम का जल, जल जीवन मिशन की डायरी, सफलता/बदलाव की कहानी से जुड़ी आदि अध्ययन सामग्री भी रही। वहीं यहां के जल मंदिर ने संदेश दिया कि जल प्रसाद है, जल जीवनदायी है। इसे बर्बाद नहीं, बल्कि संरक्षण करें। ‘जल मंदिर’ में सुबह-शाम गंगा जल आरती भी हुई।

नल से जल पर क्विज प्रतियोगिता भी हुई। इसमें हजारों युवाओं ने भाग लिया। सही उत्तर देने वाले 10,229 युवाओं को ऑनलाइन प्रमाण पत्र देकर सम्मानित भी किया गया। इसके साथ ही प्रमुख स्नानों को छोड़कर अन्य दिनों में 3.60 लाख से अधिक लोगों ने डिजिटली ‘जल जीवन मिशन द वाटर रन’ गेम्स भी खेला।

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