मुंबई : शिवसेना (उबाठा) ने बुधवार को अपने सहयोगी और राकांपा (शरदचंद्र) अध्यक्ष Sharad Pawar द्वारा दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को सम्मानित करने पर कड़ी आपत्ति जताई है। शिवसेना (उबाठा) के प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि यह शिंदे ही थे जिन्होंने अमित शाह की मदद से शिवसेना को विभाजित किया था और उनका सम्मान करना किसी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता को सम्मानित करने के समान था। शिंदे को मंगलवार को 98वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन के अवसर पर पवार के हाथों और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की उपस्थिति में महादजी शिंदे राष्ट्र गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पवार अगले सप्ताह शुरू होने वाले साहित्यिक सम्मेलन की स्वागत समिति के अध्यक्ष हैं। राउत ने कहा कि पवार को इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होना चाहिए था, क्योंकि शिंदे ने 2022 में महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस सरकार को ‘विश्वासघात’ करके गिरा दिया था।
राजनीति में कुछ चीजों से बचना चाहिए
दिल्ली में शिवसेना (उबाठा) के राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘राजनीति में कुछ चीजों से बचना चाहिए। कल शरद पवार ने शिंदे को सम्मानित नहीं किया, बल्कि उन्होंने अमित शाह को सम्मानित किया। यह हमारी भावना है।’’ राउत ने कहा, ‘‘जिसे हम महाराष्ट्र का दुश्मन मानते हैं, उसे ऐसा सम्मान देना महाराष्ट्र के गौरव को ठेस पहुंचाना है। पवार ने अलग तरीके से सोचा होगा, लेकिन ऐसी राजनीति महाराष्ट्र के लोगों को पसंद नहीं आई है।’’ राकांपा (शरदचंद्र) सांसद अमोल कोल्हे ने एक सवाल पर प्रतिक्रिया व्यक्ति करते हुए कहा कि राउत अपनी निजी राय व्यक्त कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में यह कार्यक्रम अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन का हिस्सा था। कोल्हे ने कहा, ‘‘उन्होंने नेतृत्वकर्ता की भूमिका निभाई, जहां हर चीज में राजनीति नहीं लाई जाती। मुझे नहीं लगता कि इसमें कुछ गलत है। वह कार्यक्रम (स्वागत समिति) के अध्यक्ष हैं।’’