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अमृतसर में नशे की ओवरडोज से युवक की मौत

अमृतसर: किशन यादव ने पुलिस को बताया कि वह मेहनत मजदूरी करता है। उनके तीन बेटे और एक बेटी है। बड़ी बेटी शीतल और बेटे संतोष यादव, पंकज यादव और सौरभ यादव है। पहले वह गांव सुल्तानविंड में रहते थे। डेढ़ साल पहले उन्होंने अपना घर बेच दिया था। इस समय उनका सबसे छोटा बेटा सूरज और वह दोनों गांव बुआ नांगली में किसान बलजीत सिंह के डेरे में रह रहे है। उनका छोटा बेटा सूरज नशे करने का आदी है। 22 सितंबर को 9 बजे वह और उनका बेटा सूरज दोनों गांव सुल्तानविंड में बाबा रामदास का मेला देखने के लिए आए थे। जब घर से चले थे तो उनके बेटे के मोबाइल फोन पर साजन निवासी गांव गांव सुल्तान विंड ने फोन किया उनके बेटे से पूछ रहा था कि कब तक पहुंच जाओगे। सुल्तानविड में पहुंचे तो साजन मोटरसाइकिल लेकर गांव के अड्डे में खड़ा था। उन्होंने अपने बेटे को मेला देखने के लिए 1000 दिए। साजन उनके बेटे को मोटरसाइकिल पर बिठाकर ले गया। शाम को 7 बजे तक अपने बेटे का इंतजार करते रहे। मगर उनका बेटा वापस नहीं आया।

वह अपने बेटे के बारे में पता करने के लिए साजन के घर गए मगर साजन अपने घर में मौजूद नहीं था। काफी देर इंतजार करने के बाद गांव हुआ नंगली वापस चले गए पूरी रात अपने बेटे का इंतजार करते रहे अगले दिन सुबह 9 बजे उन्हें फोन पर सूचना मिली थी कि उनके बेटे सूरज उर्फ ज्ञानी की मौत हो गई है। वह अपने मालिक बलजीत सिंह अपनी बेटी शीतल को साथ लेकर गांव सुल्तान विंड में पहुंचे। वहां पर उन्होंने देखा के उनके बेटे की लाश मोनू और हैप्पी के घर में पड़ी हुई थी। उनके बेटे के शरीर पर कोई कपड़ा नहीं था। केवल अंडरवियर ही पहना हुआ था। उनके बेटे ने नए कपड़े और नए बूट पहने थे। उन्हें पता चला है कि उनके बेटे ने साजन के साथ मिलकर नशा किया था। नशे की ओवर डोज के कारण उनके बेटे की मौत हो गई है। उनके बेटे की मौत में मोनू और हैप्पी निवासी गांव सुल्तानविड का भी हाथ है। थाना सुल्तानविंड की पुलिस द्वारा लाश को कब्जे में लिया गया है। मोनू, हैप्पी और साजन के खिलाफ केस दर्ज किया गया है

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