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अनिल मसीह की गलती माफ़ी योग्य बिलकुल भी नहीं। उसे सख़्त से सख़्त सजा मिले : प्रेम गर्ग

आज सुप्रीम कोर्ट में अनिल मसीह द्वारा माफ़ी की याचिका पर प्रतिक्रिया करते हुए आप नेता प्रेम गर्ग का कहना है कि उसे सख़्त से सख़्त सजा मिले। अनिल मसीह ने गलती नहीं, जनता के विश्वास का बलात्कार किया है। डेमोक्रेसी का मर्डर किया है और देश के संविधान का मज़ाक़ उड़ाया है। अपनी सत्ता का दुरुपयोग किया है। हमारे हक़ पर डाका डाला है। अनिल मसीह ने वोट चोरी की है।

प्रेम गर्ग का कहना है कि मैं हैरान हूँ कि अभी तक अनिल मसीह को चण्डीगढ़ पुलिस ने गिरफ़्तार क्यों नहीं किया। अब तक तो पूरी इन्क्वायरी करके सब अपराधियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई हो जानी चाहिए थी। उसको नगर निगम है अभी तक बर्खास्त क्यों नहीं किया गया। अनिल मसीह ने बार बार माननीय सुप्रीम कोर्ट को भी धोखा देने की कोशिश की। अभी कुछ दिन पहले ही वो कह रहा था कि उसने सुप्रीम कोर्ट में जो बयान दिया था वो डिप्रेशन में आकर दिया था और आज वो अपनी गलती मानने का ड्रामा कर रहा है। सिर्फ़ अनिल मसीही को ही नहीं, सभी नॉमिनेटेड पार्षदों को भी नगर निगम से बर्खास्त किया जाना चाहिए और कोर्ट को एक दूसरी वीडियो का भी संज्ञान लेना चाहिए, जिसमें मनोनीत पार्षद कैमरे हटाने के लिए कह रहे हैं। जब देश की सर्वोच्च न्यायालय में अनिल मसीह को पहले ही दोषी क़रार दे दिया है, जोकि अपने आप में अभूतपूर्व है। तो क्यों नहीं अभी तक उसको गिरफ़्तार किया गया और बर्खास्त किया गया। इस फ्रॉड के लिए अभी तक भाजपा के नेताओं ने जनता से माफ़ी नहीं माँगी। एक तरफ़ तो आप नैशनल कन्वीनर और दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल को एक झूठी गवाही के आधार पर जेल में डाल दिया और दूसरी तरफ़ अनिल मसीह और दूसरे पार्षदों का गुनाह जो कि पूरी तरह से सबूतों के आधार पर साबित हो चुका है, उस पर भाजपा सरकार ने, भाजपा के गवर्नर ने अभी तक कोई एक्शन क्यों नहीं किया? भाजपा का ये दोहरा चेहरा, ये बताने के लिए काफ़ी है कि भाजपा के चरित्र और चलन, कहनी और कथनी में ज़मीन आसमान का फ़र्क है। हमारी माँग है कि जो भी अफ़सर इसमें शामिल हैं, उनपर भी उचित करवाई हो।

गर्ग का ये भी कहना है के 2021 के मेयर चुनाव में भी इसी तरह की धाँधली हुई थी। उसकी भी निष्पक्ष जाँच होनी चाहिए।

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