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धान की पराली के सही निपटारे के लिए किया जाए जागरूक: ADC

मालेरकोटला: मालेरकोटला जिले के 52 हजार 800 हैक्टेयर क्षेत्रफल में बिजाई किये धान से पैदा होने वाली करीब 3 लाख 38 हजार 200 टन पराली का सही निपटारा करने के लिए आज अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर राजपाल सिंह ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को हिदायत करते कहा कि जिले में पराली की सभ्य संभाल के लिए किसानों को जागरूक करने के लिए विशेष जागरूकता मुहिम चलाने समेत पराली के निपटारे के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मशीनरी की वैरीफिकेशन और मैपिंग को भी यकीनी बनाया जाये जिससे मशीनरी का सही उपयोग किया जा सके।

अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि जिले में धान की पराली के प्रबंधन के लिए सी. आर. एम. स्कीम अधीन करीब 1434 आधुनिक मशीनें उपलब्ध हैं, जिसमें सुपर सिडर और हैपी सिडर,सरफेस सिडर, सिडर, जीरो टिल ड्रिल, सुपर एस. एम. एस, आर एम बीज, पलोय, कल्चर कराप रीपर, पैडी चोपर रीपर, बेलर, रैक जैसी आधुनिक मशीनरी उपलब्ध हैं, जिनका सही प्रयोग करके पराली का निपटारा किया जा सकता है।


उन्होंने संबंधित विभागों के अधिकारियों को जिले के किसानों को धान की पराली के सही निपटारे को अपनी सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारी समज् कर निभाने के लिए अपना बनता योगदान डालने के लिए प्रेरित करें और किसान अपने नजदीक मौजूद मशीनरी की उपलब्धता संबंधित जानकारी मुहैया करवाने के लिए कहा जिससे वातावरण को साफ-सुथरा रखा जा सके। मीटिंग दौरान कृषि विकास अफसर डॉ. कुलवीर सिंह और डॉ. नवदीप कुमार ने बताया कि पराली के निपटारे संबंधी जानकारी देने और पराली को आग लगाने से होते नुक्सान संबंधी किसानों को जागरूक करने के लिए गाँव व ब्लाक स्तर पर विशेष कैंप लगाए जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि इस बार अब तक 243 प्रतिविनतियां किसानों / किसान समूहों से करीब 371 ओर नई मशीनों सब्सिडी पर लेने के लिए प्राप्त हुआ है। इसके इलावा विभाग की तरफ से जिले में पैदा होने वाली करीब 32 हजार एम. टी पराली की व्यापारिक प्रयोग करने के मकसद से फर्मों के साथ भी सम्पर्क किया गया है और पराली की संभाल के लिए गाँवों की सांझी स्थानों का चुनाव किया जा रहा है जहाँ से फर्में पराली को ले जा सकें। इस मौके पंजाब प्रदूषण रोकथाम बोर्ड एस. डी. ओ इंजी. अमनदीप सिंह के इलावा अलग-अलग विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

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