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भाजपा-अकाली और कांग्रेस सरकारों ने अपने फायदे के लिए पंजाब के युवाओं को नशे में धकेला : हरपाल चीमा

BJP-Akali and Congress governments: पंजाब के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने पंजाब के नशा तस्करों को सख्त और अंतिम चेतावनी दी है कि वे या तो नशा तस्करी छोड़ दें या पंजाब छोड़ दें। उन्होंने यह चेतावनी कैबिनेट सब-कमेटी के अपने सह-सदस्य अमन अरोड़ा, डा. बलबीर सिंह, तरुनप्रीत सिंह सोंद और लालजीत सिंह भुल्लर, मुख्य सचिव के.ए.पी. सिन्हा और डीजीपी गौरव यादव की उपस्थिति में शुक्रवार को पंजाब भवन में आयोजित प्रैस कांफ्रैंस के दौरान दी।

वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने जोर देकर कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार ने प्रदेश से नशे के खात्मे के लिए पिछले 3 सालों में एक बड़ा अभियान चलाया है। नवगठित कैबिनेट सब-कमेटी का उद्देश्य पंजाब भर में नशा तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए सिविल और पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर 24 घंटे काम करते हुए प्रयासों को तेज करना है। उन्होंने कहा कि ‘आप’ सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल की सोच के अनुरूप नशे के खिलाफ यह जंग अंतिम चरण में है, जिसमें नशा तस्करों के घरों पर बुलडोजर चलाने के साथ-साथ यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि नशे के कारोबार में शामिल कोई भी व्यक्ति, चाहे वह किसी भी पद या प्रभाव का हो, बख्शा न जाए।

अकाली-भाजपा गठबंधन और कांग्रेस पार्टी पर 2002 से 2022 तक अपने कार्यकाल के दौरान पंजाब की युवा पीढ़ी को नशे की ओर धकेलने का आरोप लगाते हुए चीमा ने राज्य में नशा तस्करी को संरक्षण देने वाले राजनीतिक नेताओं, नशा तस्करों और पुलिस अधिकारियों के बीच अनैतिक गठजोड़ का उल्लेख किया।

इस दौरान कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने कहा कि आप सरकार ने 3 वर्षों में नशा तस्करों की 612 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की है, जबकि कांग्रेस के 5 साल के कार्यकाल में केवल 142 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की गई थी। उन्होंने कहा कि 2007 में अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार से पहले पंजाब में सिंथैटिक ड्रग्स का नाम तक नहीं सुना गया था। उन्होंने कहा कि इस मामले में जगदीश भोला और जिस व्यक्ति का उसने नाम लिया था, उसे कौन नहीं जानता। तरनतारन में हुई जहरीली शराब त्रासदी के कारण 130 मौतों के मामले में एक मंत्री और 10 विधायकों समेत मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के करीबियों के नामों का उल्लेख करने वाली मीडिया रिपोर्टों और पूर्व प्रवर्तन निदेशालय अधिकारी के बयान का जिक्र करते हुए कैबिनेट मंत्री अरोड़ा ने कहा कि इन राजनीतिक पार्टियों ने पंजाब में नशे की समस्या को जन्म दिया। नशा तस्करों के खिलाफ कार्रवाई के बारे में अरोड़ा ने कहा कि राज्य सरकार ने एंटी नारकोटिक्स फोर्स बनाई है और पिछले 3 सालों में एनडीपीएस एक्ट के तहत 30,000 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं।

कैमिस्टों द्वारा ओवर-द-काऊंटर (ओटीसी) दवाओं की अनिधकृत बिक्री के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में, स्वास्थ्य मंत्री डा. बलबीर सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने पहले ही केंद्र सरकार को कुछ ओटीसी दवाओं को सूचीबद्ध करने के लिए लिखा है, जो कि कानूनी हैं लेकिन वर्तमान में शेड्यूल एच-1 दवाओं की सूची में शामिल नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इस दौरान राज्य में ऐसी दवाओं की मात्रा पर भी प्रतिबंध लगाया गया है, जिन्हें खुदरा और थोक विक्रेता स्टॉक कर सकते हैं।

सीमा पार से हो रही नशा तस्करी पर पूरी तरह रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार से संपर्क करने की मांग पर बात करते हुए मंत्री अमन अरोड़ा ने कहा कि सीमा से लगे 50 किलोमीटर तक का क्षेत्र बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में होने के बावजूद सीमा पार से नशे की तस्करी को अभी तक नहीं रोका गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को राज्य को दोष देने के बजाय सीमा पार से होने वाली नशा तस्करी की स्वयं जिम्मेदारी लेनी चाहिए।

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