चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, पडुआ और चंडीगढ़ वेलफेयर ट्रस्ट द्वारा आयोजित तीसरे वडीगढ़ म्यूजिक एंड फिल्म फेस्टिवल के दूसरे दिन की शुरुआत पडीगढ़ यूनिवर्सिटी घडूआ में हुई। इस मौके पर प्रसिद्ध बॉलीवुड और पंजाबी अभिनेता तथा रंगकर्मी यशपाल शर्मा, प्रसिद्ध रंगकर्मी एवं अभिनेता विनय पाठक तथा फिल्म अभिनेत्री रकुलप्रीत उपस्थित रहे। फेस्टिवल के दूसरे दिन राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय फीचर फिल्में, लघु फिल्में, फिक्शन, नॉन फिक्शन, एनिमेटेड फिल्में, डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई। इस तीन दिवसीय समरोह में प्रसिद्ध अभिनेता राकेश बेदी फिल्म निर्देशक केतन आनंद पंजाबी फिल्म अभिनेता बिन्नू ढिल्लों, प्रसिद्ध गीतकार शमशेर संधू, संगीत निर्देशक सचिन आहूजा, अभिनेता बाल मुकंद शर्मा, अभिनेता रतन औलख, गायक मजीत निक्की, गायिका किरण कौर, और पंजाबी पटकथा लेखक बी बी वर्मा भी विशेष रूप शामिल हुए।
सतनाम सिंह संधू ने यूटी प्रशासन से फिल्म निर्माताओं और निर्देशकों की सुविधा के लिए ईज ऑफ फिल्मिंग नीति अपनाने का आग्रह किया। सिनेमा में भारत की स्थिति पर टिप्पणी करते हुए, सतनाम सिंह संधू ने कहा, “भारतीय फिल्म उद्योग दुनिया का सबसे बड़ा फिल्म निर्माण उद्योग है, जहां सालाना 20 भाषाओं में 3000 से अधिक फिल्म बनाई जाती है। भारतीय सिनेमा ने वैश्विक स्तर पर 10 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड कलेक्शन किया है। उन्होंने कहा कि अकादमी पुरस्कार के लिए 20 भारतीयों को नामित किया गया है, जिनमें से 10 ने प्रतिष्ठित ऑस्कर पुरस्कार जीता है। भारतीय फिल्म और संगीत उद्योग ने 2023 में 2 ऑस्कर और 19 ग्रैमी पुरस्कार जीते हैं। भारतीय एनीमेशन और विजुअल इफेक्ट्स उद्योग वैश्विक बाजार में लगभग 10% हिस्सेदारी रखता है तथा 2025 तक लगभग 20- 25% तक हिस्सेदारी बढ़ने की क्षमता रखता है।
डीगढ़ यूनिवर्सिटी के चांसलर और सीडब्ल्यूटी के संस्थापक सतनाम सिंह संधू ने कहा कि चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी और चंडीगढ़ वेलफेयर ट्रस्ट हमेशा हर उस व्यक्ति के आभारी रहे हैं, जिसने भारत को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में आगे बढ़ाया है और अपनी असाधारण प्रतिभा के माध्यम से देश को गौरव दिलाया। चंडीगढ़ म्यूजिक एंड फिल्म फेस्टिवल इस साल ऑस्कर अवाईस में भारतीय सिनेमा की शानदार जीत का जश्न है। भारतीय सिनेमा उद्योग अपने सम्माननीय कार्यों के लिए सराहना का पात्र है। भारतीय सिनेमा दुनिया भर में पहचान की मोहताज नहीं है। भारतीय सिनेमा दवारा बनाई गई फिल्मों का प्रभाव दुनिया भर के दर्शकों पर पड़ता है। अब तक 20 भारतीयों को ऑस्कर के लिए नामांकित किया गया है, जिनमें से 10 ने विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार जीता है।” उन्होंने कहा कि इस वर्ष एलिट व्हिस्पर्स (सर्वश्रेष्ठ वृतधिर-लघु फिल्म) और आरआरआर के नातू नातू सर्वश्रेष्ठ संगीत) के क्रू को ऑस्कर से सम्मानित किया गया है जिसने विश्व स्तर पर भारत द्वारा अर्जित की गई ख्याति की सूची में दो और पुरस्कार जोड़कर पूरे देश को गौरवान्वित किया है।
इस अवसर पर भरी संख्या में छात्र अपने चहेते सितारों को देखने और उनके विचारों को सुनने के लिए उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरुआत प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता एवं रंगमंच कलाकार विनय पाठक के साथ टॉक शो से हुई जिसमे उन्होंने अपने अनुभव साँझा करते हुए विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। चंडीगढ़ में फिल्मसिटी न होने पर आश्चर्य जताते हुए विनय पाठक ने कहा कि पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री एक बड़ी और शानदार इंडस्ट्री है जिसकी पहुंच विश्व स्तर पर है इसके बावजूद इनकी अपनी कोई फिल्मसिटी नहीं है। उन्होंने चंडीगढ़ के कलाकारों की सराहना करते हुये कहा कि पंजाब ने बॉलीवुड इंडस्ट्री को बहुत से प्रतिभावान कलाकार एवं प्रतिमाए दी है उन्होंने विशेष रूप से पंजाबी भाषा के नाटककार रंगमंच निर्देशक, उपन्यासकार और लघु कथाकार बलवंत गाणी का जिक्र किया। अपनी सहमति जताते हुए उन्होंने जोर दिया कि चंडीगढ़ में फिल्मसिटी होनी ही चाहिए तथा बॉलीवुड इंडस्ट्री को भी चंडीगढ़ में फिल्मसिटी स्थापित करने में मदद करनी चाहिए। बॉलीवुड इंडस्ट्री में हर साल बड़े पैमाने पर फिल्म मेकिंग का काम होता है, ऐसे में यहा का काम यहाँ दिया जा सकता है जिससे यहाँ के फिल्म जगत के लोगों को काम मिलेगा इससे काम की गुणवत्ता और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
विनय पाठक ने सतनाम सिंह संधू की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने चंडीगढ़ वेलफेयर ट्रस्ट के अधीन लोगों के कल्याण के लिए बहुत समय से कार्य किये है। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ में फिल्मसिटी का निर्माण भी कल्याण का ही कार्य है क्योंकि इनसे नई प्रतिभाओं को एक मंच मिलेगा तथा अपने हुनर को निखार का आगे बॉलीवुड की राह आसान होगी। प्रसिद्ध टीवी एवं फिल्म अभिनेता राकेश बेदी ने फेस्टिवल के दौरान कहा कि पंजाबी इंडस्ट्री अपनी संस्कृति बेहतरीन संगीत और फिल्मों के कारण पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। उन्होंने कहा कि यहाँ पर इतने प्रतिभावान कलाकार है. इसलिए यहाँ पर फिल्मसिटी होनी ही चाहिए ताकि उनकी प्रतिमा को मौका मिल सके। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थाओं तथा यूनिवर्सिटीयों को इस और विशेष ध्यान देना चाहिए ताकि युवा कलाकारों को प्रशिक्षित किया जा सके। उन्होंने सिनेमा में नए विचारों, सोच और विषय वस्तु पर ध्यान देने पर जोर दिया क्योंकि नये विचार और विषय भाषा की सीमा से परे होते है तथा पूरी दुनिया में सराहे जाते है। कलाकारों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि ओटीटी पर भाषा परिवर्तन के साथ विभिन्न वॉइस ओवर कलाकारों को काम मिल सकता है।
पंजाबी सिनेमा के कलकारों ने भी फिल्म सिटी बनने के प्रस्ताव को दिया समर्थन
बॉलीवुड हस्तियों के अलावा पंजाबी इंडस्ट्री की जानीमानी हस्तियों ने भी चंडीगढ़ में फिल्मसिटी बनाने के प्रयासों की सराहना की। पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री के प्रसिद्ध गीतकार शमशेर संधू ने फिल्मसिटी के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि फिल्मसिटी किसी भी क्षेत्र कि कला, संस्कृति और प्रतिभा को सहयोग करने के साथ-साथ बढ़ावा भी देती है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर सभी संस्कृति आपस में मिल जाती है। फिल्मसिटी पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि फिल्मसिटी कोई निश्चित जगह या ईमारत नहीं है बल्कि एक कोशिश है फिल्म जगत के लोगों को चंडीगढ़ के कलाकारों और तकनीशियनों से जोड़ने की ताकि उन्हें भी बेहतर अवसर प्राप्त हो सके।
इस दौरान पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री के जानेमाने म्यूजिक प्रोडूसर सचिन आहूजा ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि ओटीटी आ जाने के बाद इंडस्ट्री में काम का दयारा बढ़ रहा है. अब विभिन्न स्तरों पर बेहतरीन काम हो रहा है। लेकिन काम की रफ्तार में तेजी के कारण पहले के मुकाबले बढ़ योग्य प्रतिभाओं की कमी महसूस हो रही है। यहीं नहीं ओटीटी प्लैटफॉर्म पर काम लोगों को जल्दी चाहिए ऐसे में काम अब क्षेत्रीय स्तर पर आसानी से कराया जा सकता है। फिल्म सिटी के आ जाने से लोगों को काम आसानी से मिल जाएगा और युवाओं को अपने ही क्षेत्र में यो सब सुविधा आसानी से मिल जाएंगी जिनके लिए पहले उन्हें बड़े शहरों का रुख करना पड़ता था।
पंजाबी पटकथा लेखक और पंजाबी फिल्म एंड टीवी एक्टर्स एसोसिएशन (पीएफटीएए) के अध्यक्ष भारत भूषण वर्मा नेक्स कि सतनाम सिंह संधू ने चंडीगढ़ के विकास और कल्याण के लिए अनेक कार्य किये हैं, जिनकी में पूरे दिल से सराहना करता हूँ। अब वह चंडीगढ़ में फिल्म सिटी बनाने के लिए प्रयास कर रहे हैं, और मुझे पूर्ण विश्वास है कि वह इस कार्य में अवश्य सफल हो उन्होंनेटके होने के नाते नामसिंह संधू को पूर्ण योग देने का आश्वासन दिया।