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केंद्र न तो मुझे ED से डरा सकता है, न ही खरीद सकता है : CM Bhagwant Mann

चंडीगढ़ (पामिल भाटिया) : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान मानते हैं कि पंजाब इस बार के आम चुनावों में पूरे देश को लीड करेगा। चुनाव की दिशा तय करेगा। ठीक उसी तरह जिस तरह उसने पहले आजादी की लहर को और फिर हरे इंकलाब यानी हरित क्रांति को लीड किया था। दैनिक सवेरा टीवी के साथ विशेष बातचीत में उन्होंने एक ओर जहां केंद्र सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि उन्हें न तो ईडी से डराया जा सकता है, न ही खरीदा जा सकता है, वहीं यह भी कहा कि देश में पहली बार पंजाब में ऐसा हुआ कि सरकार ने प्राइवेट थर्मल प्लांट खरीद लिया, खुद कोयला खान चलाई, 90 प्रतिशत घरों को बिजली मुफ्त दी, पहली बार किसानों को दिन में बिजली दी और अब उद्योगों को भी सस्ती बिजली का तोहफा मिलेगा।

उन्होंने अमृतसर को ड्राई पोर्ट बनाकर पाकिस्तान ही नहीं, मध्य पूर्व और मध्य एशिया के देशों को एयर कार्गो सेवाएं शुरू कराने पर जोर दिया तो पंजाब के सरहदी इलाकों में उद्योग लगाने वालों को इंसैंटिव देने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपने दो साल के कामों को बताकर वोट मांगेगी और मंत्रियों-विधायकों को संसद भेजने का फैसला यह सोचकर किया गया कि अब शासन- प्रशासन का काफी तजुर्बा ले लेने के बाद वे संसद में पंजाब के हितों को बहुत दमदारी से उठा सकेंगे। पार्टी संयोजक केजरीवाल की गिरफ्तारी पर उन्होंने कहा कि केजरीवाल को कैद किया जा सकता है मगर उनकी सोच को नहीं, देश में जगह-जगह केजरीवाल पैदा होते रहेंगे। पेश हैं उनके साथ हुए सवाल जवाब:

पंजाब में सरकार बनाने के बाद आपका यह पहला लोकसभा चुनाव होने जा रहा है, तो क्या आप अपने दो साल के काम भी गिनाएंगे?

बिल्कुल, अपने काम गिनाएंगे। ऐसा तो है नहीं कि सरकार ने दो साल में कुछ न किया हो। कोई सरकार विरोधी रुख नहीं है। लोग खुश हैं कि पहले कभी ऐसी सरकार नहीं देखी थी। बाकी पार्टियां वादे तो कर लेते हैं मगर आखिरी साल में जाकर घोषणाएं करती हैं, फिर वे आचार संहिता में फंस जाती हैं। हमने पहले ही साल 43 हजार नौकरियां दीं, मुफ्त बिजली दी, भ्रष्टाचार पर शिकंजा कसा, भ्रष्ट लोगों को जेल भेजा। खेतों को दिन में बिजली देनी शुरू की। किसान अब मोटरें बंद कर अपने घर आते हैं। पहले किसान बिजली के लिए तरसते थे। कुल आठ घंटे बिजली रात में मिलती थी। दो-दो घंटे में कट लगते थे। किसान रात भर सोते नहीं थे। किसान कहते हैं, हम हमें रात में खेतों में नहीं जाना पड़ता। शाम को घर लौटकर परिवार के साथ रोटी खाकर सोते हैं।

पहले किसान रात भर खेतों में मच्छरों और सांपों के बीच रहता था। रात दो बजे बिजली मिलती थी। न उससे पहले सो सकते थे, न बाद में। फिर प्राइवेट सैक्टर का बिजलीघर खरीद लिया। ऐसा देश में पहली बार हुआ है। पहले सरकारें अपने थर्मल प्लांट घाटे में दिखाकर अपने दोस्तों को बेच दिया करती थीं। हमने झारखंड में कोयले की खान चलाई। हमारे पास कोयला है, बिजली है, थर्मल प्लांट है, कुछ नए थर्मल प्लांट भी आ गए हैं, अब उद्योगों के लिए भी बिजली सस्ती करेंगे। सोलर बिजली पर भी बहुत ध्यान दे रहे हैं। इसीलिए खेतों को बिजली दे पा रहे हैं। सरकार के कामों की सूची बहुत लंबी हो जाएगी।

तो आप अपने कामों को चुनावी मुद्दा बनाने जा रहे हैं?

हम इन्हें कोई मुद्दा नहीं बना रहे हैं। हम कह रहे हैं कि अगर अच्छी सरकार चुनी जाए, ईमानदार लोग चुने जाएं तो जो काम सत्तर साल में नहीं हुआ, वह दो साल में ही हो जाता है।

आपकी पार्टी भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम से निकली लेकिन आज आपके बड़े-बड़े नेता भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल में बंद हैं तो क्या इससे पंजाब में पार्टी को नुक्सान होगा?

हम पर आरोप चाहे जो लगा लो, चाहे जिससे लगवा लो, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। एक चुने हुए मुख्यमंत्री को जेल दिया है। जिस आदमी से आरोप लगवाया गया है, वो पहले 9 बार कहता है कि मैं मुख्यमंत्री से पहले कभी नहीं मिला हूं। उसे पकड़ा गया, उसी बंदे ने फिर 55 करोड़ के चुनावी बॉण्ड खरीदे। हमारे खिलाफ तो कोई सबूत है ही नहीं। दो अप्रैल को संजय सिंह जी को जमानत देते समय कोर्ट में ईडी ने यही कहा कि हमारे पास इस आदमी के बारे में कोई सबूत नहीं हैं। इसलिए लोग भी कहते हैं कि हमारी पार्टी के साथ धक्का हो रहा है क्योंकि इन्हें (भाजपा और मोदी सरकार को) खतरा ही हमारी पार्टी से है।

यह देश में सबसे तेजी से फैलने और बढ़ने वाली पार्टी है। दो राज्यों में सरकारें हैं। दस राज्यसभा सांसद हैं। दिल्ली नगर निगम में हमारी सरकार है। चंडीगढ़ का मेयर हमारा है। गुजरात में हमारे पांच विधायक हैं। दो विधायक गोवा में हैं। मध्यप्रदेश में सिंगरौली का मेयर हमारी पार्टी से है। इतनी तेजी से हम बढ़ रहे हैं इसीलिए ये डरते हैं। पकड़कर अंदर कर देते हैं इसीलिए केजरीवाल को अंदर किया है मगर केजरीवाल को कैद कर सकते हो मगर उनकी सोच को कैसे कैद कर लोगे जी। इसीलिए हम पूरे देश में जा रहे हैं, पूरे देश में केजरीवाल पैदा होंगे।

दिल्ली में आपकी पार्टी कह रही है कि मोदी सरकार अरविंद केजरीवाल को मरवाना चाहती है, कल उन्हें जेल में इंसुलिन दिया गया, आप भी उनसे मिलकर आए हैं तो उनकी हैल्थ का अपडेट क्या है और आपको क्यों लगता है कि भाजपा उन्हें मरवाना चाहती है?

देखिए, जब भी हम इकट्ठा कहीं जाते थे तो वह हर बार बाहर जाने से पहले अपने पेट में इंसुलिन का टीका लगाते थे। उसके बाद खाना खाते थे। फिर घंटे दो-घंटे में वह अपने शूगर लैवल की जांच करते थे, उसी के अनुसार सारा डाइट चार्ट बनता है। अब जेल के अंदर वह सारा डाइट चार्ट बदल गया है। उन्हें जेल में इंसुलिन क्यों नहीं देते हैं? जेल में बीस हजार कैदी हैं, आज जेल प्रशासन ने माना कि उनके पास शूगर का कोई एक्सपर्ट डाक्टर नहीं है। क्या बीस हजार कैदियों में कोई शूगर वाला नहीं होगा। यह तो उन सबका मानव अधिकार है। केजरीवाल जी की शूगर कभी बहुत ज्यादा तो कभी बहुत कम हो जाती है।

अगर इंसुलिन नहीं दे रहे हैं तो शुगर बहुत खतरनाक स्तर तक पहुंच सकती है। सरकार क्यों उन्हें इंसुलिन नहीं देना चाहती हैं। हार्डकोर कैदियों को भी जरूरत पड़ने पर अस्पताल ले जाना पड़ता है, ये तो महज आरोपी हैं। इसलिए ये किसी भी हद तक जा सकते हैं। ये सत्ता के लालच में कुछ भी कर सकते हैं, इन्होंने विरोधी पार्टियां तोड़ दी हैं तो ये कुछ भी कर सकते हैं। शिवसेना तोड़ दी, शरद पार्टी की पार्टी तोड़ दी, दुष्यंत चौटाला का साथ लेकर उसका काम लगा दिया, अपनी ही पार्टी के नेताओं शिवराज सिंह चौहान, वसुंधरा राजे सिंधिया को किनारे लगा दिया.. यह सब सत्ता के लालच में हो रहा है। ये कुछ भी कर सकते हैं।

लुधियाना के सांसद रवनीत बिट्टू ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने के बाद पहला बयान यही दिया कि सरकार गिर सकती है, क्या आपको लगता है कि सरकार गिराई जा सकती है?

कोशिश तो ये पहले भी कर चुके हैं। आप देख लीजिए कि सुप्रीम कोर्ट के जजों ने 5-0 से यह फैसला दिया था कि जनता को सेवाएं देना चुनी हुई सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन इन्होंने उसी शाम को सात बजे अध्यादेश जारी कर सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलट दिया।

क्या आपको लगता है कि सरकार गिराई जा सकती है?

मैं कहता हूं कि इन्हें डर ही इस बात है कि राष्ट्रीय राजधानी में इनकी चलती नहीं है। इन्होंने सबसे पहले एंटी-करप्शन ब्यूरो को मुख्यमंत्री के अधिकार क्षेत्र से ले लिया, फिर धीरे-धीरे सभी सेवाओं को मुख्यमंत्री के हाथ से छीन लिया, अब मुख्यमंत्री अपने दफ्तर का एक चपरासी को भी नहीं बदल सकता है। फिर भी ये कहते हैं कि सरकार को तोड़ देंगे। हमारे पास 62-63 विधायक हैं, फिर भी कहते हैं कि तोड़ देंगे। मध्य प्रदेश में इन्होंने सरकार तोड़ी, महाराष्ट्र में तोड़ी, गोवा में तोड़ी। ये कहते हैं, वोटों से नहीं जीत सकते तो पैसे देकर विधायक खरीद लो, उपचुनाव में जीत लेंगे। केजरीवाल जी के जेल जाने के बाद ही नहीं, उससे पहले भी ये हमारे विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर चुके हैं, मगर दिल्ली के हमारे विधायक एक परिवार हैं, इनके पैसे कहीं और चल जाते होंगे, हमारे विधायकों पर नहीं चलते।

दिल्ली को लेकर एक और सवाल। चर्चा है कि अगर अरविंद केजरीवाल चुनाव तक बाहर नहीं निकल पाते हैं तो सरकार को बेहतर ढंग से चलाने के लिए उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल दिल्ली की मुख्यमंत्री बनाई जा सकती हैं, क्या कहेंगे?

हमारी पार्टी में ऐसी कोई बात नहीं हो रही है। पहली बात तो यह है कि अगर जेल से बाहर नहीं आ सकते तो क्या वह सीएम नहीं रह सकते हैं। यह बात किस कानून में लिखी है कि सिटिंग सीएम को जेल हो जाए तो उन्हें इस्तीफा देना ही पड़ेगा। सरकार तो वह जेल से भी बेहतर ढंग से चला सकते हैं। सुब्रत राय सहारा को जेल भेजा तो तिहाड़ में उसके लिए दफ्तर खोल दिया। वह तो दोषी था। हमारा बंदा तो दोषी भी नहीं है, आरोपी है। सरकार क्यों नहीं चल सकती, चलेगी जेल से ही।

अरविंद केजरीवाल जेल में हैं और उनके सामने सेहत संबंधी समस्याएं भी हैं तो इस समय आप देश भर पार्टी के सबसे बड़े नेता हैं, तो क्या दिल्ली यूनिट को भी आप चला रहे हो, पूरे देश भर में प्रचार के फैसले ले रहे हैं?

नहीं, हमारी पार्टी में साझा नेतृत्व है। हमारी पीएसी है, वरिष्ठ नेता हैं, जिनमें गोपाल राय हैं, संजय सिंह हैं, सौरभ भारद्वाज हैं, आतिशी हैं, मेरा नाम भी है और प्रो. संदीप पाठक भी हैं जो पूरे देश का संगठन देखते हैं। हम साझे फैसले लेते हैं। हमने तो अच्छे उम्मीदवार को ही टिकट देना होता है। फिर जिसकी जहां ड्यूटी लगती है, वह वहां प्रचार करने जाता है। हमने तो ऐसा कोई फैसला लेना ही नहीं है जो लोगों को बताया न जा सके। मैं, असम, गुजरात, झारखंड गया। सुनीता केजरीवाल जी भी मेरे साथ रांची में थीं। इसी तरह फैसले लिए जाते हैं।

तो क्या सुनीता केजरीवाल आने वाले दिनों में भगवंत मान की जगह पंजाब में चुनाव प्रचार करतीं नजर आ सकती हैं?

बिल्कुल, वह यहां आएंगी। मैं भी दिल्ली जाऊंगा, हरियाणा जाऊंगा।

आपने पंजाब में टिकट तो दे दिए हैं मगर इस बार एक भी महिला को लोकसभा चुनाव में नहीं उतारा गया है, ऐसा क्यों है?

ऐसी कोई बात नहीं है। हमने तो विधानसभा चुनावों में जितनी भी महिला उम्मीदवार उतारीं, सारी जीत गईं, दो सरकार में मंत्री हैं-अनमोल गगन मान और डा. बलजीत कौर। हमारे पास पढ़ीलिखी प्रोफैसर हैं। डाक्टर हैं। नकोदर विधायक मान। आने वाले समय में हमने और भी चुनाव लड़ने हैं। पंजाब के इतिहास में पहली बार दस महिलाएं डीसी हैं। वे लुधियाना, होशियारपुर, बरनाला जैसे बड़े जिले संभाल रही हैं। सात जिलों की एसएसपी महिलाएं हैं। प्रतिभाओं को मौका मिलना ही चाहिए। पंजाब बोर्ड के दसवीं का रिजल्ट 98 प्रतिशत रहा है, इसमें लड़कियां मैरिट लिस्ट में सबसे ऊपर हैं। सरकारी स्कूलों की हैं। इससे यही लगता है कि शिक्षा में सुधार आ रहा है। हम कोई जेंडर डिस्क्रिमिनेशन नहीं करते। लड़कियों को पहली बार बड़े पैमाने पर नौकरियां मिली हैं। वे पटवारी भी लगी हैं। लड़कियां कहती हैं कि वे पहले कनाडा जा रही थीं मगर सरकारी नौकरी मिलने के बाद वहां जाना रद्द कर दिया है।

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