अमृतसर: पूर्व केंद्रीय मंत्री और बठिंडा से सांसद हरसिमरत कौर बादल ने केंद्र सरकार से किसानों की आवाज सुनने और 2 साल पहले किसानों से आंदोलन वापस लेने पर किए गए वादों को मानने की अपील की है। हरसिमरत ने कहा कि केंद्र सरकार 2 साल पहले एमएसपी को कानूनी इकाई बनाने के तरीकों और साधनों की जांच के लिए एक कमेटी गठित करने पर सहमत हुई थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
उन्होने कहा,‘किसानों की कई अन्य मांगों को स्वीकार न किए जाने के कारण उन्हें दोबारा आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। केंद्र को किसानों द्वारा की गई सभी मांगों पर सकारात्मक रूप से विचार करना चाहिए और उन्हें जल्द से जल्द लागू करना चाहिए। उन्होंने सभी सिख बंदियों को रिहा करने की भी अपील की। उन्होंने कहा,‘पंजाब के किसानों पर आंसू गैस और रबड़ की गोलियों से हमला करने के लिए हरियाणा पुलिस के कर्मचारियों के खिलाफ कोई मामला दर्ज क्यों नहीं किया गया है।’
सांसद ने कहा कि कांग्रेस किसानों के हित के लिए मगरमच्छ के आंसू बहा रही है। उन्होने कहा, ‘यह वही पार्टी है जिसने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने से साफ इंकार कर दिया था। यह कहते हुए कि अकाली दल हमेशा किसानों की भलाई के लिए डटकर खड़ा रहा है, बादल ने कहा, ‘एमएसपी प्रणाली की स्थापना के लिए अकाली दल जिम्मेदार था।’