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मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देशों पर विजिलेंस ने पॉवर परचेज एग्रीमेंट्स की जाँच की शुरू

पीएसपीसीएल ने दो थर्मल पावर और 90 से अधिक ऊर्जा कंपनियों के साथ बिजली खरीद समझौते (PPA) के रिकॉर्ड विजिलेंस ब्यूरो को जमा करवाए। जिस दौरान विजिलेंस ब्यूरो अधिकारी का कहना है कि PPA की जांच नए सिरे से शुरू की जाएगी। आगे उन्होंने बताया कि चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने नवंबर 2021 में जांच आयोग को रिपोर्ट सौंपी थी लेकिन जांच अभी तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाई है।

कैप्टन अमरिंदर सिंह के मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान भी उन्होंने कहा था कि बिजली खरीद समझौते में से केवल 17 ही सही है। आम आदमी पार्टी ने अकाली भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान सभी PPA की जांच करने का वादा किया था। जिससे केवल राज्य के खजाने को नुकसान पहुंचा था। आम आदमी पार्टी बिजली की सप्लाई न होने पर भी अधिक कीमत चुकाने पर आपत्ती जताती रही है।

जबकि राज्य सरकार ने पहले ही गोइंदवाल साहब परियोजना को अपने कब्जे में ले लिया है। राजपुरा और तलवंडी साबो में दो अन्य निजी थर्मल परियोजनाओं के साथ PPA’s की जांच की जाएगी। इसी के साथ आपको बता दें के 95 कंपनियों के साथ बिजली खरीदने के लिए उच्चतम दर 17.91 प्रति यूनिट थी।

8 रूपए प्रति यूनिट से अधिक की दर पर बिजली खरीदने के लिए 20 से अधिक समझौते किए गए और 7-8 रूपए प्रति यूनिट पर बिजली खरीदने के लिए 35 समझौते किए गए। लेकिन मौजूदा सरकार द्वारा बिजली खरीदने के लिए बनाए गए 9 PPA 2.50 से 3 रुपए प्रति यूनिट की दर से किए गए।

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