पराली निस्तारण को लेकर सीएम मान ने अधिकारियों के साथ की बैठक

चंडीगढ़: सुप्रीम कोर्ट और नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा पराली निस्तारण को लेकर पंजाब सरकार को दिए गए दिशा-निर्देश को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने उच्चस्तरीय बैठक में अधिकारियों से नई नीति को लेकर सुझाव मांगे हैं।

चंडीगढ़: सुप्रीम कोर्ट और नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा पराली निस्तारण को लेकर पंजाब सरकार को दिए गए दिशा-निर्देश को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने उच्चस्तरीय बैठक में अधिकारियों से नई नीति को लेकर सुझाव मांगे हैं। बैठक में मुख्यमंत्री मान्य मुख्य सचिव अनुराग वर्मा और एडवोकेट जनरल गुरविंदर सिंह गैरी को पराली के निस्तारण को लेकर नई नीति का खाका तैयार करने के लिए कहा गया है।

पराली निस्तारन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 27 फरवरी को सुनवाई मुकर्रर की गई है। सुनवाई के दौरान सरकार को हलफनामा पेश करना है। उससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 13 फरवरी को नई नीति को लेकर राज्य सरकार द्वारा अब तक किए गए कार्य का ब्यौरा मांगा है। पराली निस्तारण को लेकर नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में चल रही सुनवाई के दौरान टर्मिनल ने पंजाब सरकार से पराली के प्रबंधन और उसे जलाने से रोकने के लिए राज्य सरकार से उसकी रणनीति का विस्तृत विवरण मांगा है।

पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाने वाल कसानों के साथ सख्ती से पेश आने के अलावा उन्हें एमएसपी की सुविधा न दिए जाने के अलावा कई और सुझाव राज्य सरकार को दिए थे। मुख्य सचिव अनुराग वर्मा ने संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की और इसके बाद मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक में इसका बयोरा दिया।

30 लाख परिवारों को मिलेगा फायदा
पंजाब सरकार अगले महीने से गेहूं/आटा और दाल की होम डिलीवरी शुरू करेगी, इससे राज्य के 30 लाख परिवारों को फायदा होगा। इसकी तैयारियां भी सरकार ने पूरी कर ली हैं। फरवरी के दूसरे या तीसरे हफ्ते में स्कीम का आगाज हो सकता है। राशन कार्डों संबंधी सारा रिकार्ड जुटाया जा रहा है। इससे पहले हुई कैबिनेट मीटिंग में करीब 10 लाख राशन कार्ड को बहाल कर दिया गया था। सीएम भगवंत मान ने ऐलान किया था, जल्दी ही स्कीम लोगों के लिए शुरू कर दी जाएगी। सरकार पहले यह स्कीम इसी महीने 26 या 27 जनवरी को शुरू करने की तैयारी में थी।

लेकिन, मौसम ठीक न होने के चलते सरकार की तरफ से इस प्रोग्राम को टाल दिया गया था। वहीं, अब सरकार ने दोबारा इस स्कीम को शुरू करने की तैयारी की है। स्कीम का शुभारंभ सरकार एक रैली के सहारे करने की रणनीति बना रही है। यह रैली जालंधर, पटियाला, फतेहगढ़ साहिब, फरीदकोट या फिरोजपुर जिले में आयोजित की जा सकती है। सरकार की तरफ से इस स्कीम को चलाने के लिए 670 करोड़ अलग से रखे गए हैं ताकि स्कीम को चलाने में किसी भी तरह की दिक्कत न आए।

चरणों में शुरू होगी स्कीम
स्कीम में प्रति व्यक्ति को 5 किलोग्राम आटा या गेहूं देने की योजना है। इसके लिए प्रति महीने 72,500 टन गेहूं की जरूरत है। वहीं, इसके लिए रणनीति बनाई जा रही है कि कौन से लोग इस स्कीम का लाभ उठाना चाहते हैं। स्कीम को चरणों में शुरू किया जाएगा। हालांकि, दिल्ली में अरविंद केजरीवाल सरकार यह स्कीम चला चुकी है।

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