गठबंधन की शर्तें है कि सुखबीर बादल और बिक्रम मजीठिया आगामी लोकसभा चुनाव न लड़ें : Malvinder Singh Kang

चंडीगढ़ः आम आदमी पार्टी ने दावा है किया कि शिरोमणि अकाली दल (बादल) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच गठबंधन तय हो चुका है। वे बस इसकी घोषणा के लिए उचित समय का इंतजार कर रहे हैं। आप ने इस गठबंधन को ‘अपवित्र’ करार देते हुए कहा कि एक तरफ 750 किसानों की मौत.

चंडीगढ़ः आम आदमी पार्टी ने दावा है किया कि शिरोमणि अकाली दल (बादल) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच गठबंधन तय हो चुका है। वे बस इसकी घोषणा के लिए उचित समय का इंतजार कर रहे हैं। आप ने इस गठबंधन को ‘अपवित्र’ करार देते हुए कहा कि एक तरफ 750 किसानों की मौत के लिए जिम्मेदार पार्टी है और दूसरी तरफ पंजाब में बेअदबी के जिम्मेदार लोगों को बचाने वाली पार्टी है। चंडीगढ़ में पार्टी कार्यालय से एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए ‘आप’ पंजाब के मुख्य प्रवक्ता मलविंदर सिंह कंग ने कहा कि मोदी सरकार की पूर्व कैबिनेट मंत्री और सुखबीर बादल की पत्नी हरसिमरत कौर बादल ने गठबंधन को संभव बनाने के प्रयास शुरू किए और 15 दिन पहले दिल्ली में एक बैठक हुई थी। जहां शर्तों पर चर्चा के लिए दोनों पार्टियों के नेता मौजूद थे।

कंग के मुताबिक गठबंधन की शर्तें यह है कि भाजपा नहीं चाहती कि शिअद प्रमुख सुखबीर बादल और उनके साले बिक्रम मजीठिया आगामी लोकसभा चुनाव लड़ें। उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग जानते हैं कि पंजाब के लोगों में इन दोनों नेताओं के प्रति स्पष्ट नापसंदगी है। कंग ने आगे कहा कि टेबल के नीचे और पर्दे के पीछे शिरोमणि अकाली दल बादल और भारतीय जनता पार्टी हमेशा एक थे। उन्होंने कभी अपने रास्ते अलग नहीं किए। किसान आंदोलन के दौरान अकाली दल ने सिर्फ लोगों को गुमराह करने के लिए बीजेपी से गठबंधन तोड़ने का ड्रामा किया था, लेकिन पंजाब के लोग पहले से ही दोनों पार्टियों से नफरत करते हैं और उनके गठबंधन को पंजाब के लोग कभी पसंद नहीं करेंगे।

कंग ने कहा कि शिअद और भाजपा एक टीम हैं लेकिन वे अभी तक इसकी घोषणा जनता के सामने नहीं कर रहे हैं क्योंकि वे पंजाब के लोगों के गुस्से से डरे हुए हैं। कंग ने अकाली दल से सवाल किया कि पंजाब के लोग जानना चाहते हैं कि क्या अकाली दल ने 750 किसानों की मौत के लिए भाजपा को माफ कर दिया? अकाली नेता कहते हैं कि बीजेपी हरियाणा और दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के जरिए सिख मामलों में दखल देती है, क्या अब ये बंद हो गया? और पद्म विभूषण का क्या होगा जो स्वर्गीय प्रकाश सिंह बादल ने किसानों के विरोध को समर्थन देने के लिए लौटाया था, क्या बादल परिवार इसे फिर से स्वीकार करेगा?

कंग ने भाजपा सरकार की कैबिनेट बैठक में तीन कृषि कानूनों पर हस्ताक्षर करने वाली हरसिमरत कौर बादल को भी घेरा। उन्होंने कहा कि उस कैबिनेट बैठक के मिनट्स को कभी सार्वजनिक नहीं किया गया क्योंकि पर्दे के पीछे ये दोनों पार्टियां हमेशा एक-दूसरे के पक्ष में थीं। कंग ने कहा कि यह एक अपवित्र गठबंधन है जिसे लोग कभी स्वीकार नहीं करेंगे लेकिन शिरोमणि अकाली दल के पास पंजाब में कोई जमीन नहीं बची है इसलिए वे लंबे समय से इस गठबंधन को बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

- विज्ञापन -

Latest News