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प्रकाश सिंह बादल को बहाल की जाए ‘फख्र-ए-कौम’ की उपाधि : SAD

Fakhr-e-Qaum

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Fakhr-e-Qaum : शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार से पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत प्रकाश सिंह बादल को दी गई ‘फख्र-ए-कौम’ की उपाधि बहाल करने की अपील की।

शिअद के नेता और पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने पहले उनके पिता प्रकाश सिंह बादल और अब उन्हें निशाना बनाने के लिए ‘पंथ विरोधी ताकतों’ और ‘एजेंसियों’ पर हमला बोला। सुखबीर ने आरोप लगाया कि विरोधियों का केवल एक ही लक्षय़ है – बादल परिवार और अकाली दल का नामोनिशान मिटाना।

अकाल तख्त ने पिछले साल 30 अगस्त को सुखबीर को ‘तनखैया’ (धार्मिक कदाचार का दोषी) घोषित किया गया था। सुखबीर को वर्ष 2007 से 2017 तक पंजाब में शिअद और उसकी सरकार की ओर से की गई ‘गलतियों’ के लिए दो दिसंबर को अकाल तख्त द्वारा धार्मिक दंड सुनाया गया था। इसके बाद से सुखबीर बादल माघी मेले के अवसर पर अपना पहला राजनीतिक सम्मेलन आयोजित कर रहे थे। ।

शिअद कार्यकारिणी समिति ने 11 जनवरी को पार्टी अध्यक्ष पद से सुखबीर बादल का इस्तीफा स्वीकार कर लिया था। सम्मेलन में अकाली दल ने एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार से प्रकाश सिंह बादल को प्रदान की गई ‘फख्र-ए-कौम’ की उपाधि वापस लेने के फैसले पर पुर्निवचार करने की अपील की गई है।

सुखबीर बादल ने कहा, ‘‘यह दुखद है कि एजेंसियों के ये लोग कहते हैं कि बादल साहब ने सिख समुदाय की पीठ में छुरा घोंपा।’’ उन्होंने कहा कि उनके पिता ने अपना पूरा जीवन समुदाय के लिए समर्पित कर दिया।

अकाली नेता ने अपने विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘ये लोग जो फेसबुक पर खुद को सिख कहते हैं, वे सिख नहीं हैं। वे सिख समुदाय के गद्दार हैं।’’ जेल में बंद कट्टरपंथी नेता और खडूर साहिब के सांसद अमृतपाल सिंह पर स्पष्ट रूप से निशाना साधते हुए सुखबीर बादल ने सम्मेलन में लोगों को याद दिलाया कि कट्टरपंथी नेता का नाम सिख कार्यकर्ता गुरप्रीत सिंह हरि नौ की हत्या के मामले में सामने आया था।

उन्होंने पूछा, ‘‘आप पंजाब का नेतृत्व किसे देना चाहते हैं?’’ पुलिस ने दावा किया था कि पिछले साल अक्टूबर में मारे गए हरि नौ की हत्या खडूर साहिब के सांसद के इशारे पर की गई थी।

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