पटियाला : केंद्रीय मंत्री डा. हरदीप सिंह पुरी ने आज यहां दैनिक सवेरा टीवी के साथ विशेष बातचीत में कहा कि जो यह कहते थे पंजाब में भाजपा की अकेले चुनाव लड़ने की औकात नहीं है, उनकी गलतफहमी दूर हो जाएगी। अकाली दल के साथ गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि सुखबीर बादल तो हमसे गठबंधन करना ही चाहते थे, लेकिन हमने उन्हें थैंक यू वैरी मच बोल दिया, उन्हें कह दिया कि आप ही हमसे अलग हुए, हमारी छवि भी खराब हुई, अब हमें अकेले लड़ने दें। किसान आंदोलन के सवाल पर उन्होंने कहा कि किसान भी हमारे भाई हैं, हमारा अभिन्न अंग हैं, प्रधानमंत्री के साथ मिलकर उनके सारे मामले हल कराए जाएंगे, जो भी गलतफहमियां रह गई हैं, उन्हें दूर किया जाएगा। उन्होंने अपील की कि पंजाब के लोग भी राष्ट्रीय विकास के नैरेटिव से जुड़ें और पंजाब में डबल इंजन की सरकार बनाएं।
पेश हैं प्रमुख सवाल-जवाब:
भाजपा इस बार पंजाब में पहली बार लोकसभा चुनाव अकेले लड़ रही है, कैसी स्थिति है? भाजपा अकेले लड़ रही है, इसलिए वह अच्छी स्थिति में है। सारी 13 सीटों पर पहली बार लड़ रहे हैं। पहले तो दो-तीन सीटों से आगे बढ़ नहीं पाते थे। हमें पक्की उम्मीद है कि चंडीगढ़ के अलावा पंजाब में 5-6 सीटें आएंगी।
इंडिया गठबंधन जीतने के दावे कर रहा है, आप क्या कहना चाहेंगे?
केजरीवाल जेल से जमानत पर आकर दौरे कर रहे हैं। क्या कहेंगे? इंडी गठबंधन कहो या घमंडिया गठबंधन, इसके तीन प्रमुख दावेदार हैं। ममता बनर्जी ने इससे खुद को अलग कर लिया है। दूसरे एक एक युवा नेता हैं। तीसरे हैं केजरीवाल जी। उनका सियासी सफर दिलचस्प रहा है। भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से शुरुआत की और जिसे सबसे भ्रष्ट कहते थे, उससे गले लग गए। अब तो उनकी पूरी पार्टी पर ही आरोपपत्र लग गया है।
आपने पहले भी पंजाब में चुनाव प्रचार किया था, अब भी कर रहे हैं तो जमीनी स्थिति क्या बता रही है?
भाजपा के पास चुनौती यह रही है कि हम लोकसभा की 13 में से 3 सीटों से ज्यादा कभी नहीं लड़े। विधानसभा की 117 में से सिर्फ 23 सीटों पर लड़ते थे। अब दो साल से भाजपा का विस्तार हुआ है। जो हमसे कहते थे कि पंजाब में भाजपा की अकेले लड़ने की औकात नहीं है, उनकी गलतफहमी दूर हो जाएगी।
अकाली दल बादल के सुखबीर बादल कहते हैं कि उन्होंने पंजाब के विकास की खातिर भाजपा के साथ गठबंधन नहीं किया। क्या कहेंगे?
सुखबीर बादल तो खुद ही भाजपा के साथ गठबंधन करना चाहते थे। हमने इनसे गठबंधन नहीं तोड़ा था, बल्कि इन्होंने तोड़ा था। कैबिनेट बैठक में बीबाजी (हरसिमरत कौर बादल) ने तीन कृषि कानूनों का समर्थन किया था, बाहर आकर इस बारे में प्रेस कांफ्रेंस भी की थी, लेकिन बाद में जमीनी स्थिति देखकर विरोध शुरू कर दिया। इस आधार पर गठबंधन तोड़ा। अब फिर गठजोड़ करना चाहते थे। इस बार हमने कह दिया, थैंक यू वैरी मच, आपके साथ हमारा गठबंधन था, आपने जो भी किया, सो किया, हमारी भी छवि खराब हुई है, अब हमें अकेले लड़ने दो।
पंजाब की बात करें तो यहां किसान आंदोलन मुद्दा बना हुआ है। एक ओर वे शंभू बार्डर पर बैठे हुए हैं, रेलवे ट्रैक से जरूर हट गए हैं, मगर उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी यहां आएंगे तो उनसे सवाल पूछेंगे। क्या कहेंगे?
जहां तक किसानों का मुद्दा है, वे हमारे लोग हैं। हमारे भाई हैं। हमारे अन्नदाता हैं। अगर कोई गलतफहमी रह गई है तो उसे भी दूर करेंगे। वे हमारे अभिन्न अंग हैं।
पंजाब के लोगों को इस बार क्या संदेश देने चाहेंगे?
मैं यही कहना चाहूंगा कि पंजाब के लोग देश के विकास के नैरेटिव का हिस्सा बनाएं और पंजाब में भी डबल इंजन की सरकार बनवाएं।