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आदर्श समाज में हरियाणा विधिविरुद्ध धर्म परिवर्तन निवारण कानून जरूरी: O. P. Dhankar

चंडीगढ़: आदर्श समाज निर्माण के लिए हरियाणा विधिविरुद्ध धर्म परिवर्तन निवारण जैसा कानून बनाकर लागू करना भाजपा नीत मनोहर लाल सरकार का ऐतिहासिक निर्णय है। कानून के लागू होने से लालच, भय और जालसाजी से प्रेम जाल (लव जिहाद)यानि धर्म छिपाकर शादी करने वालों या धर्म के नाम पर बहकाकर मतांतरण करने वालों की दुकान अब बंद हो जाएगी। ऐसे समाज व राष्ट्र विरोधी तत्वों पर कानून के दायरे में कड़ा शिकंजा कसा जाएगा। धनखड़ ने कहा कि हरियाणा में कोई भी व्यक्ति अब सिर्फ शादी करने के लिए मतांतरण नहीं कर सकेगा। जबरन मतांतरण के मामले में आरोपित को न केवल दस साल तक की कैद व लाखों रुपये का जुर्माना भुगतना होगा, बल्कि दोषी द्वारा पीड़ित पीड़िता को भी गुजारा भत्ता व अन्य खर्च देना पड़ेगा। अगर आरोपित का निधन हो जाता है तो उसकी अचल संपत्ति से पीड़ितों को आर्थिक मदद दिलाई जाएगी। मतांतरण के बाद विवाह से जन्मे नाबालिगों को भी भरण-पोषण के लिए आर्थिक मदद देनी होगी। यह कानून मेंं प्रावधान किया गया है।

ओम प्रकाश धनखड़ ने सख्त कानून बनाने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल और गृह मंत्री अनिल विज का आभार व्यक्त किया है। गौरतलब है कि जबरन मतांतरण को रोकने के लिए मार्च में हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में विधेयक पारित हुआ था। सरकार ने विगत एक दिसंबर को हुई कैबिनेट बैठक में हरियाणा विधिविरुद्ध धर्म परिवर्तन निवारण अधिनियम के नियम तय कर दिए थे। अब राज्यपाल द्वारा अनुमोदन करने यह कानून प्रदेश में तत्काल प्रभावी हो गया है। धनखड़ ने कहा कि हमें गर्व है कि हमारी संस्कृति वसुधैव कुटुम्बकम की है। लेकिन समाज व राष्टï्र तोडऩे वालों के साथ कानूनन सख्ती से निपटना भी जरूरी है।

ओम प्रकाश धनखड़ ने कहा कि कानून के अनुसार किसी प्रलोभन, बल प्रयोग, षडय़ंत्र से मतांतरण कराया जाता है तो पांच वर्ष तक का कारावास और न्यूनतम एक लाख रूपये तक जुर्माना होगा। प्रेम जाल(लव जिहाद )यानि विवाह के लिए धर्म छिपाने पर तीन से दस साल की सजा और तीन लाख रूपये जुर्माना देना होगा। सामूहिक मतांतरण पर पांच से दस साल की सजा और चार लाख रुपये जुर्माना, और एक बार से अधिक जबरन मतांतरण मेंं पकड़े जाने पर दस साल की सजा और पांच लाख रुपये कम से कम जुर्माने का प्रावधान किया गया है। धनखड़ ने कहा कि प्रदेश मेंं प्रेम जाल (लव-जिहाद )कई मामले प्रकाश में आए थे, इसलिए यह कानून जरूरी हो गया था। कानून के बारे में लोगों को जागरूक भी किया जाएगा।

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