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जस्टिस फॉर सफाई कर्मचारी संस्था के राष्ट्रीय संयोजक का नगर निगम को अल्टीमेटम, सफाई का ठेका वापस नहीं हुआ तो देंगे धरना

चंडीगढ़: पिछले करीब एक साल में 8 सफाई कर्मचारी अपनी जान गंवा चुके हैं। जो अभी काम कर रहे हैं, वे ठेका प्रथा के कारण पिस रहे हैं लेकिन नगर निगम को उनकी बिल्कुल भी परवाह नहीं है। इसीलिए तो नगर निगम ने 13 गांवों में सफाई का काम प्राइवेट कंपनी को सौंप दिया। ये कहना है जस्टिस फॉर सफाई कर्मचारी के राष्ट्रीय संयोजक भगत राज तिसावर का। तिसावर ने कहा कि अगर नगर निगम ने गांवों में सफाई के काम का कांट्रेक्ट वापस नहीं लिया तो बड़े स्तर पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा। ये प्रदर्शन 25 जनवरी को शुरू होगा। जिसका जिम्मेदार खुद नगर निगम होगा।

शनिवार को चंडीगढ़ प्रेस क्लब में तिसावर व संस्था के अन्य सदस्यों ने प्रेस को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने जस्टिस फॉर सफाई कर्मचारी संस्था के गठन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सफाई कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए इस संस्था का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया स्वच्छता अभियान केवल दिखावा है। अफसर केवल फोटो खिंचवाते हैं और ये अभियान केवल फोटो सेशन तक ही सीमित रह गया है। उन्होंने कहा कि पिछले कई सालों से चंडीगढ़ समेत पूरे देश में सफाई कर्मचारी ठेकेदार प्रथा के अधीन हैं और उनका लगातार शोषण किया जा रहा है। प्रशासन के अधिकारी उन्हें सुनने को बिल्कुल भी तैयार नहीं है। जनता के प्रतिनिधि भी उनकी आवाज नहीं उठा रहे हैं। इसलिए उन्होंने इस संस्था के जरिए शोषण का शिकार हो रहे सफाई कर्मचारियों के मुद्दों को उजागर करने का फैसला किया है।

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