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joins app : अकाली दल को बड़ा झटकाः पवन कुमार टीनू व अकाली नेता गुरचरण सिंह चन्नी AAP में हुए शामिल

joins app : चंडीगढ़। दोआबा क्षेत्र में आम आदमी पार्टी (आप) को एक बहुत बड़ी मजबूती मिली है। जालंधर व दोआबा रीजन के एक बड़े दलित नेता व पूर्व विधायक पवन कुमार टीनू आप में शामिल हो गए हैं। पवन कुमार टीनू जालंधर के आदमपुर विधानसभा क्षेत्र से 2 बार अकाली दल की टिकट पर विधायक चुने गए थे। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने टीनू को औपचारिक तौर पर पार्टी में शामिल कराया और उनका आप परिवार में स्वागत किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब की सेवा करने वाले लोग लगातार आम आदमी पार्टी से जुड़ रहे हैं और हमें मजबूत कर रहे हैं। पवन टीनू के शिरोमणि अकाली दल छोड़ने से दोआबा में अकाली दल को लोकसभा चुनाव से पहले एक बड़ा झटका लगा है। पवन टीनू के साथ उनके पार्टी के साथी और सीनियर अकाली नेता गुरचरण सिंह चन्नी भी आम आदमी पार्टी में शामिल हुए। दोआबा रीजन के लोगों के बीच पवन टीनू की काफी अच्छी पकड़ है। वहां की राजनीति में वह काफी प्रभावशाली व्यक्ति हैं। टीनू 2012 और 2017 में 2 बार विधायक रह चुके हैं। उन्होंने 2014 में जालंधर से लोकसभा का चुनाव भी लड़ा था, पर दिवंगत कांग्रेसी सांसद संतोख चौधरी से हार गए थे। पार्टी में शामिल होने के बाद पवन टीनू ने कहा कि हम देश का लोकतंत्र और संविधान बचाने के लिए आम आदमी पार्टी में शामिल हुए हैं।

देश में सिर्फ आम आदमी पार्टी ही है जो संविधान बचाने की लड़ाई लड़ रही है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा वह आप सरकार और मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के पिछले 2 सालों में किए गए लोक कल्याणकारी कार्यो से काफी प्रभावित हैं। आज आम लोगों की जरूरतें पूरी हो रही हैं। लोगों को मुफ्त बिजली मिल रही है। मोहल्ला क्लीनिकों में आम लोगों का मुफ्त ईलाज हो रहा है और मुफ्त दवाइयां मिल रही हैं। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान आम लोगों के नेता हैं। उनसे कोई भी आम आदमी उनकी गाड़ी रोककर मिल लेता है। पंजाब में ऐसा मुख्यमंत्री नहीं हुआ जिससे आम बंदा कभी भी मिल सके। इसलिए हमने सोचा कि हमें मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और आम आदमी पार्टी का साथ देना चाहिए। अकाली दल पर उन्होंने कहा कि अकाली लीडरशिप में नीचे से लेकर उपर तक अनिश्चिता और असुरक्षा का माहौल बना हुआ है। कार्यकत्र्ताओं में इनसिक्योरिटी है। जब किसी भी पार्टी के लोगों में अनिश्चितता और अविश्वास होगा तो वह जीत नहीं सकते। अब पंजाब के लोगों का अकाली दल में भरोसा नहीं रहा।

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