शराब तस्करी पर लगेगी रोक, चंडीगढ़ प्रशासन शुरू करेगा ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम

चंडीगढ़ में शराब की तस्करी को रोकने के लिए एक्साइज एवं टैक्सेशन विभाग ने ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम की शुरुआत करने का निर्णय लिया है। इस सिस्टम के तहत शराब की बोतलों और डिब्बों पर बारकोड और बैच नंबर लगाए जाएंगे। जिसमें शराब को बनाने वाली कंपनी, उसकी तारीख और अन्य प्रकार की जानकारियां बारकोड.

चंडीगढ़ में शराब की तस्करी को रोकने के लिए एक्साइज एवं टैक्सेशन विभाग ने ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम की शुरुआत करने का निर्णय लिया है। इस सिस्टम के तहत शराब की बोतलों और डिब्बों पर बारकोड और बैच नंबर लगाए जाएंगे। जिसमें शराब को बनाने वाली कंपनी, उसकी तारीख और अन्य प्रकार की जानकारियां बारकोड के तहत मिलेंगी।

चंडीगढ़ से पंजाब में शराब तस्करी के आम आदमी पार्टी के मालविंदर सिंह कंग ने पिछले दिनों आरोप लगाए थे। अब चंडीगढ़ प्रशासन ने इस पर फैसला लिया है। चंडीगढ़ के एक्साइज डिपार्टमेंट ने इसके लिए प्रमोशन ऑफ आईटी इन चंडीगढ़ (SPIC) को सलाहकार नियुक्त किया है। वह ट्रैक एंड ट्रेस प्रोजेक्ट के लिए किसी फर्म के साथ कांटेक्ट करेंगे। जब यह सिस्टम चंडीगढ़ में लागू हो जाएगा तो यह फर्म शराब तस्करी के लिए निगरानी करेगी। चंडीगढ़ में शराब की कीमत कम होने के कारण हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार और गुजरात सहित अन्य राज्यों में इसकी तस्करी की जाती है

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 आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता मालविंदर सिंह कंग ने रविवार को चंडीगढ़ से पंजाब में शराब तस्करी के आरोप लगाए थे। उन्होंने पंजाब के गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित को कहा था कि चंडीगढ़ के प्रशासक होने के नाते चंडीगढ़ से पंजाब में होने वाली तस्करी पर वह लगाम लगाए ताकि पंजाब में नशे पर काबू पाया जा सके।

इसी मामले में चंडीगढ़ के डिप्टी कमिश्नर विनय प्रताप सिंह ने कहा कि हरियाणा और पंजाब के साथ इस मामले को लेकर लगातार बैठक की जा रही है। आगे भी इससे जुड़े हुए अधिकारियों के साथ सूचना आदान-प्रदान की जाएगी। एक्साइज डिपार्टमेंट लगातार ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करता रहता है। जो लोग इस धंधे से जुड़े हुए हैं, उनके खिलाफ आगे भी कार्रवाई की जाएगी।

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यहां बता दे की चंडीगढ़ प्रशासन की तरफ से शराब तस्करी को रोकने के लिए पहले 3D होलोग्राम शुरू किया गया था। शराब की बोतलों पर यह होलोग्राम लगाया जाता था। जिससे चंडीगढ़ में बिकने वाली शराब की पहचान होती थी। लेकिन इसके बाद भी शराब तस्करी पर काबू नहीं पाया गया है।

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